उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले कांग्रेस ने बड़ा कदम उठाते हुए मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी को कांग्रेस के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक सेल का अध्यक्ष बनाया है। कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि इमरान को यह पद दिलाने में UP की कांग्रेस प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की भूमिका काफी अहम है। इमरान की मदद से UP में उन मुस्लिम युवाओं को वापस कांग्रेस से जोड़ने का प्लान है जो AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी से प्रभावित हैं। प्रियंका UP में ओवैसी की धार भी कमजोर करना चाहती हैं।
AIMIM ने सबसे ज्यादा कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने हाल ही में महाराष्ट्र, बिहार और फिर पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ा। इसका नुकसान सीधे कांग्रेस को उठाना पड़ा। कांग्रेस का पक्का मुस्लिम वोट बैंक बंट गया और कांग्रेस को इन राज्यों में बुरी हार का सामना करना पड़ा। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का बेबाक अंदाज, भाषण देने का तरीका मुस्लिम युवाओं को काफी पसंद आता है।
कांग्रेस को यही डर सता रहा है कि अगर ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में भी अकेले दम पर चुनाव लड़ा तो इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकेगा। पहले से ही उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोट बैंक पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी अपना-अपना दावा करती आ रही हैं। ऐसे में अगर AIMIM भी चुनाव लड़ती है तो इसका नुकसान भी कांग्रेस को ही उठाना पड़ेगा।
ओवैसी को टक्कर देंगे इमरान
कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है की इमरान की पैठ मुस्लिम युवाओं में काफी ज्यादा है। लोग उन्हें पसंद करते हैं, ऐसे में ओवैसी को इमरान ही टक्कर दे सकते हैं। जिस तरह ओवैसी मोदी सरकार के खिलाफ अपने आक्रामक बयानों से मुस्लिम युवाओं के आइकॉन बने हुए हैं ठीक उसी तरह इमरान शायराना अंदाज में मोदी का विरोध करके मुस्लिम युवाओं को अपनी ओर खींचते हैं।
2019 में राजनीतिक सफर शुरू हुआ, कम समय में बड़ी पहचान
इमरान से पहले अल्पसंख्यक सेल के अध्यक्ष नदीम जावेद थे। इमरान कांग्रेस के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका भी निभा चुके हैं। इमरान ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से MA की डिग्री हासिल की है। उनका राजनीतिक सफर 2019 में शुरू हुआ जब कांग्रेस ने उन्हें मुरादाबाद लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था।
पिछले चुनाव में ओवैसी एक भी सीट नहीं जीते
ओवैसी की पार्टी 2017 के UP विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर चुनाव लड़ी और एक भी सीट नहीं जीती। पार्टी का चुनाव में महज 0.24 फीसदी वोट शेयर रहा। प्रदेश में मुस्लिम वोटर्स की संख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में ओवैसी 2022 के चुनावों में पूरा दम लगाने की तैयारी में हैं। उनका फोकस न केवल वोट शेयर बढ़ाने पर होगा, बल्कि मुस्लिम इलाकों की सीटें जीतने पर भी नजर होगी।
AIMIM राज्य के 19.3 फीसदी मुस्लिम आबादी पर अपनी नजर टिकाए हुए है। ओवैसी को BJP की टीम B भी कहा जाता है। ऐसे में वह कुछ राजनीतिक दलों के साथ समझौता करके पार्टी पर लगे इस दाग को धोने की कोशिश भी करेंगे।