बिहार में पांच मई से जारी लॉकडाउन अब खत्म होगा या पांचवी बार इसे कुछ दिन के लिए और बढ़ाने का निर्णय होगा इस पर आज फैसला हो सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज इस बारे में आगे के दिशानिर्देश देते हुए यह बता सकते हैं कि बिहार को किन-किन गतिविधियों में छूट दी जा रही है और कौन सी पाबंदियां अभी जारी रहेंगी।
वैसे माना जा रहा है कि राज्य सरकार कुछ नई रियायतों के साथ लॉकडाउन की समय सीमा को बढ़ा सकती है। एक सप्ताह के लिए राज्य में लॉकडाउन-5 लागू किए जाने की सम्भावना है। हालांकि इस दौरान प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी ताकि लोगों को कम से कम परेशानियों का सामना करना पड़े। लॉकडाउन-4 की मियाद 8 जून यानी मंगलवार को समाप्त हो रही है। मंगलवार को ही आपदा प्रबंध समूह की बैठक होनेवाली है। इसके बाद प्रतिबंधों में ढील दिए जाने को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए राज्य सरकार ने 5 मई से बिहार में लॉकडाउन लगा रखा है। लॉकडाउन का प्रथम चरण 15 मई तक था। बाद में इसे 25 तारीख तक बढ़ाया गया। हालात की सीमाक्षा के बाद सरकार ने एक सप्ताह तक इसे और बढ़ाने का फैसला लिया। फिर 2-8 जून तक के लिए लॉकडाउन-4 लागू किया गया जो मंगलवार तक प्रभावी है।
बढ़ सकती है दुकानों के खुलने की समय सीमा
सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन अभी जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि लॉकडाउन-4 के मुकाबले लॉकडाउन-5 में प्रतिबंधों में अतिरिक्त ढील दी जा सकती है। अभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानों को सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक खोलने की इजाजत है। माना जा रहा है कि इस समय सीमा को बढ़ाया जाएगा। दुकानें शाम 4 या उसके बाद तक खोलने की इजाजत दी जाएगी। हालांकि एक दिन बीच कर दुकानों को खोलने की व्यवस्था जारी रहने की संभावना है। बस और सार्वजनिक परिवहन से जुड़ी अन्य सेवाओं में क्षमता के 50 प्रतिशत लोगों को ही सफर की अनुमति होगी। इसमें फेरबदल की उम्मीद फिलहाल नहीं है। वहीं, दिन में निजी वाहनों से आने-जाने पर छूट मिल सकती है।
निजी कार्यालय भी खुल सकते हैं
अभी आवश्यक सेवाओं के इतर सरकारी कार्यालयों को खोला गया है। 25 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ सरकारी कार्यालय 2 जून से काम कर रहे हैं। लॉकडाउन-5 में सरकारी कार्यालयों के साथ निजी कार्यालयों के भी शुरू होने के आसार हैं। हालांकि कर्मचारियों की उपस्थिति सीमित होगी।
जरूरत पड़ी तो स्थानीय स्तर पर प्रतिबंध
कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर लॉकडाउन-3 से ही पाबंदियां सख्त करने का अधिकार जिला प्रशासन को दिया गया है। आगे भी इसे जारी रखने की संभावना है।
लॉकडाउन से संक्रमण दर में आई कमी
लॉकडाउन से संक्रमण दर को काम करने में काफी मदद मिली है। 5 मई को जब बिहार में पहली बार लॉकडाउन लगाया गया उस वक्त कोरोना संक्रमण की दर 15.57 प्रतिशत थी। वहीं 15 मई को यह घटकर 6.65 और 20 मई को 4.19 प्रतिशत पर पहुंच गयी। 27 मई को राज्य में संक्रमण दर 2.10 और 28 मई को इससे भी नीचे 1.93 प्रतिशत पर पहुंच गयी थी। रविवार 6 जून को कोरोना की संक्रमण दर 0.84 प्रतिशत पर पहुंच गयी है।