ईरान के सर्वोच्च नेता ने शुक्रवार को जनता से अपील की कि इस महीने होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी संख्या में मतदान के लिए निकलें। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि वोटिंग से दूर रहने का मतलब होगा कि वे ‘इस्लाम के दुश्मनों’ की मदद कर रहे हैं। आर्थिक और सामाजिक संकट से उपजे असंतोष के बीच ईरान के लोग 18 जून को राष्ट्रपति हसन रूहानी के उत्तराधिकारी का चुनाव करने जा रहे हैं।
टीवी पर एक भाषण में अयातुल्ला अली खामनेई ने कहा, ”बेतुके कारणों से कुछ लोग चुनाव में भाग लेने के कर्तव्य से पीछे हटना चाहते हैं। दुश्मनों, ईरान के दुश्मनों, इस्लाम के दुश्मनों और धार्मिक लोकतंत्र के दुश्मनों की यही इच्छा है।”
राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार अभियान की शुरुआत बिना धूमधान 28 मई को हुई। कई लोग कहते हैं कि चुनाव का परिणाम पहले से निर्धारित है। खामनेई ने पिछले सप्ताह भी लोगों से इसी तरह की अपील करते हुए उनसे कहा था कि चुनाव का बहिष्कार ना करें। ईरान के बाहर मौजूद विपक्षी सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे हैं और लोगों से चुनाव से दूर रहने की अपील कर रहे हैं। वे इस्लामिक गणतंत्र को नकारने की गुजारिश कर रहे हैं।
खामनेई ने आगे कहा कि, ऐसा कहा जा रहा है कि कुछ लोग आजीविका पर दबाव की वजह से बैलेट बॉक्स के प्रति उदासीन है, लेकिन इस तरह की दिक्कतें सही चुनाव से दूर होंगी। उन्होंने इस्लामिक गणतंत्र के संस्थापक अयातुल्ला रूहोल्लाह खामनेई का भी हवाला दिया जिन्होंने कहा था कि किसी भी परिस्थिति में चुनाव से दूर रहना सबसे बुरा पाप है।