कोरोना वायरस की दूसरी लहर में मरीजों से ज्यादा रकम वसूली करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा गठित महामारी जन शिकायत कमेटी (पीपीजीसी) ने एक अस्पताल के खिलाफ कदम उठाते हुए मरीज को एक लाख रुपये लौटाने का आदेश जारी किया है।
कमेटी ने एक अन्य मामले में शिकायती को पूर्व सैनिक स्वैच्छिक स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) का लाभ देने का आदेश भी जारी किया है। यहां सेक्टर-59 स्थित एकीकृत नियंत्रण कक्ष में हुई बैठक में कमेटी ने ये निर्णय लिए। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने हर जिले में ऐसी एक कमेटी बनाने का निर्देश जारी किया था।
गौतमबुद्ध नगर में कमेटी के सदस्य अपर जिलाधिकारी दिवाकर सिंह ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना काल में अस्पतालों द्वारा मरीजों तथा उनके परिजनों से अत्यधिक शुल्क वसूले जाने के मामलों में जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। नोएडा की कमेटी में उनके साथ सीजीएम सुशील कुमार और डॉ. सीपी त्रिपाठी शामिल हैं।
सिंह ने बताया कि कमेटी के पास कई लोगों की शिकायतें आ रही हैं जिनमें कोरोना वायरस की दूसरी लहर के समय अस्पतालों द्वारा मोटी रकम वसूले जाने तथा दवाओं और जांच के लिए ज्यादा पैसे लेने की शिकायतें है।
उन्होंने बताया कि ऐसे एक मामले में मुदित माहेश्वरी की शिकायत पर सेक्टर-41 स्थित एक अस्पताल प्रबंधन को पीड़ित को एक लाख रुपये लौटाने का आदेश दिया गया है।
सिंह के अनुसार सतेंद्र भाटी नामक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि उनके पिता सेना में थे और वह ईसीएचएस के लाभार्थी हैं फिर भी ग्रेटर नोएडा स्थित एक अस्पताल में उनसे नकद भुगतान कराया गया। इस मामले में कमेटी ने आदेश दिया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) इस मामले में शिकायतकर्ता को ईसीएचएस का लाभ और धनराशि दिलाना सुनिश्चित करें।