5जी टेस्टिंग के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचीं अभिनेत्री एवं पर्यावरणविद् जूही चावला से अदालत ने सीधे याचिका दायर करने को लेकर सवाल खड़े किये। हाईकोर्ट ने कहा कि तकनीक से संबंधित अपनी चिंताओं के संबंध में पहले सरकार को आवेदन करना चाहिए था। फिलहाल कोर्ट ने याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।
जूही चावला की याचिका पर बुधवार को न्यायमूर्ति जे आर मिढ़ा ने वर्चुअव सुनवाई की। अदालत ने कहा कि चावला और दो अन्य लोगों को पहले अपने अधिकारों के लिए सरकार से संपर्क करने की आवश्यकता थी और यदि वहां इनकार किया जाता, तब उन्हें अदालत आना चाहिए था।
अदालत ने विभिन्न पक्षों की दलीलें सुनने के बाद वाद पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। याचिका में दावा किया गया है कि 5जी वायरलेस तकनीक योजनाओं से मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है।
चावला, वीरेश मलिक और टीना वचानी ने याचिका दायर कर कहा कि यदि दूरसंचार उद्योग की 5जी संबंधी योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रतिकूल प्रभाव से नहीं बच सकेगा।