पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को वापस लाने के लिए भारत को शायद और इंतजार करना पड़ सकता है। दरअसल, डोमिनिका की कोर्ट में चोकसी के अवैध प्रवेश मामले की अगली सुनवाई 14 जून तक टल गई है। इससे पहले मैजिस्ट्रेट अदालत ने मेहुल चोकसी की जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी। सरकारी वकील ने मैजिस्ट्रेट कोर्ट में यह दलील दी थी कि चोकसी के खिलाफ भारत में 11 केस दर्ज हैं और एंटीगुआ में भी उसके प्रत्यर्पण की कार्यवाही तेज हो गई है। ऐसे में उसके भागने की आशंका है।
चोकसी के वकीलों ने कोर्ट में कहा कि वे अपने मुवक्किल को जमानत दिलाने के बदले 10 हजार डॉलर का बॉन्ड भरने को तैयार हैं। इस दौरान वकीलों ने इस बात पर भी जोर दिया कि चोकसी अब एंटीगुआ के नागरिक हैं। हालांकि, कोर्ट ने चोकसी की जमानत पर सुनवाई के लिए शुक्रवार की तारीख दी है तो वहीं डोमिनिका में अवैध प्रवेश को लेकर सुनवाई अब 14 जून को होगी।
भारत सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि चोकसी को प्रत्यर्पित कर वापस लाया जाए। इसके लिए भारतीय पुलिस अधिकारियों की एक टीम डोमिनिका में मौजूद है। इस टीम में दो सीबीआई अधिकारी भी शामिल हैं। यह टीम अपने साथ वे दस्तावेज भी ले गई है, जिससे चोकसी को वापस लाने के भारत के दावे को बल मिले। चोकसी भारत में साढ़े 13 हजार करोड़ रुपये के पीएनबी फ्रॉड केस में वांछित है।
चोकसी के वकील का कहना है कि मेहुल को एंटीगुआ के जॉली हार्बर से अगवा कर जहाज के जरिए डोमिनिका ले जाया गया।
डोमिनिका के उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बुधवार को हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को देश में अवैध रूप से घुसने के आरोपों का जवाब देने के लिए मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था। चोकसी व्हील चेयर पर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश हुआ। उसने नीले रंग की टी-शर्ट पहन रखी थी। इससे पहले, डोमिनिका के उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बर्नी स्टीफेंसन ने चोकसी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर करीब तीन घंटे तक सुनवाई करने के बाद उसे मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किए जाने का आदेश जारी किया था।
चोकसी 23 मई को एंटीगुआ से रहस्यमय तरीके से लापता हो गया था जहां वह 2018 से एक नागरिक के रूप में रह रहा था। उसे पड़ोसी डोमिनिका में अवैध रूप से प्रवेश करने पर हिरासत में लिया गया