कोरोना महामारी के दौरान दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों और अनाथ बच्चों के लिए दिल्ली सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों को हाईकोर्ट ने बुधवार को असंतोषजनक और अपर्याप्त बताया। न्यायालय ने कहा कि महामारी के दौरान दिव्यांगों, बुजुर्गों और अनाथ बच्चों की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है, जबकि उनकी देखभाल की जरूरत है।
जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की पीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए तीन दिन के भीतर दिल्ली सरकार को दिव्यांगों, बुजुर्गों और अनाथ बच्चों की समुचित देखरेख के लिए योजना पेश करने कहा है। पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब बताया गया कि दिव्यांगजनों के लिए कोई हेल्पलाइन नहीं है। न्यायालय ने कहा है कि जमीनी स्तर पर काफी सारे गैर सरकारी संगठन दिव्यांगों के लिए काम कर रहे हैं, सरकार को उन्हें शामिल करना चाहिए और उन्हें धन मुहैया कराना कराना चाहिए ताकि वे दिव्यांगों की देखरेख में आगे बढ़कर काम करे। पीठ ने कहा कि सरकार द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी को इन संगठनों के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिए। न्यायालय ने सरकार से कहा कि आपके द्वारा उठाए जा रहे कदम अभी यह पूरी तरह से असंतोषजनक है।
गैर सरकारी संगठन बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से अधिवक्ता प्रभसहाय कौर इस बारे में पीठ का ध्यान आकर्षित कराया। उन्होंने पीठ को बताया कि वह 13 मई को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और समाज कल्याण विभागों के अधिकारियों के साथ एक बैठक में भाग लिया था, लेकिन उसमें जो निर्णय हुए उसके कार्यान्वयन पर बहुत कम प्रगति हुई है। कौर ने पीठ को बताया कि अनाथ बच्चों, दिव्यांगजनों और महामारी से प्रभावित वरिष्ठ नागरिकों के हित में समुचित कदम उठाने की जरूरत है। इसके बाद पीठ ने कहा कि दिव्यांगजनों,अनाथ बच्चों और संक्रमण से प्रभावित बच्चों के लि जो भी कदम उठाने की जरूरत है, वह उठाया जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक, बच्चे और विकलांग व्यक्ति पूरी तरह से उपेक्षित हैं और हमें इस महामारी में उनकी देखभाल करने की आवश्यकता है।
हाईकोर्ट ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि समस्याएं कहा हैं क्योंकि हम उनके लिए कछ बेहतर चाहते हैं, उनकी देखरेख और उपेक्षा का शिकार नहीं होना पड़े। पीठ ने कहा कि तीन दिनों के भीतर हम परिणाम देखना चाहते हैं। हाईकोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार ने पेशेवर एंकर शमी नारंग की मदद ली है और उनकी रिकॉर्डिंग बच्चों (1098) और वरिष्ठ नागरिकों (14567) के लिए हेल्पलाइन पर की गई है। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने पीठ को बताया कि इस रिकॉर्डिंग को नगर निगमों द्वारा कूड़ा उठाने वाले वाहनों पर भी चलाई जाएगी क्योंकि ये विभिन्न कॉलोनियों में जाते हैं और इस बारे में नगर निगमों को आग्रह भेजा गया है। सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि इस दिशा में समुचित कदम उठाया जा रहा है।