कोरोना के टीके के बाद खून का थक्का जमने की अफवाह से लोग आशंकित है। हालांकि विशेषज्ञों ने कहा है कि टीके के बाद खून का थक्का जमने का जोखिम बेहद कम होता है। पहली दूसरी खुराक के बाद रक्त के थक्के का जोखिम 55,000 लोगों में से एक में है। जबकि दूसरी खुराक के बाद रक्त के थक्के का जोखिम 600,000 में से एक में है। पहले वैक्सीन लेने के बाद थक्के बनने के दुर्लभ मामलों में मौत का जोखिम 60 से 80 फीसदी था, लेकिन इसका इलाज होने से अब यह 20 फीसदी रहा है। तो आइए जानते है क्या होते है लक्षण और इनसे कैसे बचा जा सकता है।
रक्त के थक्के जमने के क्या है लक्षण
– गंभीर और लगातार सिरदर्द होना
-टीकाकरण के चार दिन बाद लगातार धुंधला दिखाई देना
– पैरों में सूजन और सांस लेने मे तकलीफ
– पेट में दर्द और टीका लगने के स्थान पर खरोंच जैसा निशान
स्वास्थ्य के लिए बेहद गंभीर
वैक्सीन लेने के बाद रक्त के थक्के बनते हैं तो वह बहुत गंभीर हो सकते हैं, यहां तक कि घातक भी। अच्छी बात यह है कि इसका इलाज अब मौजूद है इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
एक ही कंपनी के दोनों खुराक लेना जरूरी
कनाडा स्थित मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक एक ही कंपनी के दोनों खुराक लेने वालों में खून का थक्का जमने के मामले न के बराबर होते है। इसलिए टीका लगने के दौरान इस बात का ध्यान जरूर रखें की एक ही कंपनी का टीक लगवाएं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दूर किया था भ्रम
टीकाकरण के दौरान कई देशों ने खून के थक्के जमने की शिकायतों के बाद ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर रोक लगा दी है। भारत में भी इस वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है, जिसे कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है। इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक पैनल से इसकी जांच कराई थी। मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि भारत में वैक्सीन के दौरान खून निकलने और थक्के जमने के मामले बेहद कम आए हैं।
भारत में सिर्फ 26 मामले आए सामने
भारत में वैक्सीनेशन की शुरुआत से लेकर अब तक देश के 684 जिलों से 23000 से ज्यादा एडवर्स इफेक्ट के मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से 700 मामले सीरियस यानी गंभीर किस्म के हैं। 498 सीरियस और सीवियर मामलों की जांच की तो उनमें से 26 मामले ब्लड क्लॉटिंग के मिले। यानी 10 लाख लोगों में 0.61 लोगों में खून के थक्के जमने की शिकायत मिली। हालांकि कोवैक्सीन लगवाने वाले लोगों में एक भी ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत नहीं मिली।