उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से सपा सांसद डॉ.एसटी हसन ने ताउते और फिर यास तूफान के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा दिया है। डॉ.हसन ने कहा कि 10 दिन में दोनों तूफानों का आना और कोरोना महामारी की वजह से हजारों जिंदगियों का जाना, यह सब निशानी है पिछले सात साल में सरकार द्वारा की गई नाइंसाफियों की। गौरतलब है कि सपा सांसद इससे पहले भी अपने विवादास्पद बयान की वजह से चर्चा में आ चुके हैं।
इस बार उन्होंने अपने बयान में कहा कि पिछले सात सालों में ऐसे कानून बनाये गए जिनसे शरीयत के साथ छेड़छाड़ की गई। एक नागरिकता कानून लाया जिसमें कहा गया कि सिर्फ मुसलमानों को नागरिकता नहीं मिलेगी। ये सब सरकार की नाइंसाफियां थीं। इन नाइंसाफियों के चलते ही देश में दो बार बड़े तूफान आए हैं। ये आसमानी आफत है। कोरोना की वजह से देश में बड़ी संख्या में लोग मर गए। पहली बार इंसानों की लाशें कुत्ते खा रहे थे। नदियों में लाशें बहा दी गईं। दाह संस्कार के लिए शमशान घाटों पर लकड़ियां कम पड़ गईं।
सपा सांसद ने कहा कि जब जमीन वाला इंसाफ नहीं करता तो ऊपर वाला करता है। उन्होंने कहा कि देश के 99 प्रतिशत लोग धार्मिक लोग हैं। धार्मिक लोग यह मानते हैं कि इस दुनिया को चलाने वाला और इंसाफ करने वाला कोई और है। यदि जमीन वाले इंसाफ नहीं करते तो आसमान वाला इंसाफ करता है। जब वह इंसाफ करता है तो उसमें इफ एंड बट नहीं हुआ करता।
मोहसिन रजा ने किया पलटवार
सपा सांसद डा.एसटी हसन के बयान पर यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने पलटवार करते हुए कहा कि ये लोग देश में शरिया कानून लाना चाहते हैं। मोहसिन रजा ने कहा कि आईएसआईएस और इनकी सोच में कोई अंतर नहीं है।