उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार से ब्लैक फंगस यानी म्यूकोर माइकोसिस के इलाज में काम आने वाली दवा लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी के वितरण के लिए नीति बनाने को कहा है। न्यायालय ने सरकार को इसमें युवाओं को प्राथमिकता देने को कहा है। न्यायालय ने सरकार से कहा है कि दवाओं के किल्लत के चलते दवा वितरण के लिए मरीजों की प्राथमिकता तय करना जरूरी है ताकि सभी नहीं, कुछ जिंदगियों को बचाया जा सकें।
जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की पीठ ने कहा है कि वह काफी भारी मन से केंद्र सरकार को निर्देश दे रहा है कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी दवा के वितरण की नीति को युवा मरीजों को प्राथमिकता दी जाए, जो देश के भविष्य हैं। पीठ ने कहा कि दवा का आवंटन में इस बात का ध्यान रखा जाए कि जिनके जीवित रहने की संभावना अधिक है, उन्हें एवं कम उम्र के मरीजों को, उन बुजुर्गों और अधिक उम्र के मरीजों की तुलना में प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जिन्होंने अपनी जिंदगी जी ली है।
पीठ ने कहा है कि केंद्र उन लोगों के लिए नीति में एक अपवाद बना सकता है जो उच्च पदों पर देश की सेवा कर रहे हैं और जिनकी महत्वपूर्ण भूमिका के कारण सुरक्षा और सुरक्षा आवश्यक है। पीठ ने सरकार से कहा कि आप देश के प्रधानमंत्री को एसपीजी कवर सुरक्षा क्यों प्रदान करते हैं, दूसरों को नहीं? क्योंकि उनके कार्यालय को इसकी आवश्यकता होती है।
पीठ ने कहा है कि इसी तरह आप दवा पहले उन लोगों को उपलब्ध कराएं जो समाज की सेवा कर रहे हैं। पीठ ने कहा है कि हमें अपने भविष्य की यानि अपनी युवा पीढ़ी की रक्षा करने की जरूरत है। न्यायालय ने कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए भारी मन से वह यह आदेश दे रहे हैं।
पीठ ने कहा कि दिल्ली सहित पूरे देश में जानलेवा ब्लैक फंगस की दवा की पिछले दो सप्ताह से कमी है। पीठ ने कहा है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद को ब्लैक ब्लैक फंगस के इलाक में काम आने वाली दवा लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन -बी, एम्फोटेरिसिन -बी, और पोसाकोनाजोन के इस्तेमाल को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करने को कहा है। पीठ ने कहा है कि इसके लिए यह सही वक्त है।
इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता अमित महाजन ने पीठ को बताया कि इस बारे में विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही ब्लैक फंगस की दवा आयात करने के बारे में समुचित जानकारी मुहैया नहीं कराए जाने पर भी उच्च न्यायालय ने सरकार के अधिकारियों को आड़े हाथ लिया।