भारतीय महिला क्रिकेटर वेदा कृष्णमूर्ति ने कहा कि कोविड-19 के कारण हाल में अपनी मां और बहन को गंवाने के बाद वह बुरी तरह टूट थीं, और उन्होंने संकट की परिस्थितियों से बाहर निकलने के लिए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी मदद को बेहद महत्वपूर्ण बताया। वेदा के परिवार में नौ सदस्य इस वायरस से संक्रमित हो गए थे। पिछले महीने कर्नाटक में दो सप्ताह के अंदर उनकी मां और बहन का देहांत हो गया था। वेदा ने उन दिनों को याद करते हुए कहा, ‘मैं भाग्य पर बहुत भरोसा करती हूं, लेकिन मुझे वास्तव में उम्मीद थी कि मेरी बहन घर लौटेगी। जब ऐसा नहीं हुआ तो मैं पूरी तरह टूट गई। हम सभी का यही हाल था।’
‘ईएसपीएन क्रिकइंफो’ से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘परिवार के बाकी सदस्यों के लिए मुझे साहसी बनना पड़ा। मुझे इन दो सप्ताह में यह सीखना था कि मैं स्वयं को दुख से दूर करने की सीख लूं, लेकिन यह बार-बार वापस आकर जकड़ लेता था।’ मध्यक्रम की इस बल्लेबाज ने कहा कि वह अपने परिवार में अकेली थीं, जो वायरस से संक्रमित नहीं हुई और ऐसे में उस समय वह चिकित्सा सुविधाओं का जिम्मा संभाल रही थी। तब उन्हें अहसास हुआ कि कई अन्य लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भी कितना संघर्ष करना पड़ रहा है।
वेदा ने कहा, ‘उस समय मैं ट्विटर पर देखती तो तब मुझे अहसास हुआ, कि कई कई लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं जिसमें चिकित्सकीय परामर्श भी शामिल है।’ स्वास्थ्य संकट का सामना करते हुए मानसिक पहलू के बारे में वेदा ने कहा कि उनकी मां और बहन भी बीमार रहते हुए बेहद तनाव में थीं। इस 28 साल की खिलाड़ी ने कहा, ‘मानसिक मजबूती महत्वपूर्ण है। मेरी बड़ी बहन वत्सला मौत से पहले बेहद डरी हुई थी।’ उन्होंने कहा, ‘मेरी मां भी शायद घबराई हुई थीं, क्योंकि मौत से एक रात पहले उन्हें पता चला था कि परिवार में बच्चों सहित सभी का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। मुझे नहीं पता लेकिन शायद इसका उन पर प्रभाव पड़ा था।’
वेदा ने खुलासा किया कि वह स्वयं ही खुद से जुड़े मानसिक स्वास्थ्य से मसलों से निबटीं। उन्होंने कहा, ‘क्रिकेट खेलने वाले अधिकतर लोग मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानते हैं, लेकिन यह स्वीकार करना भी महत्वपूर्ण है कि यदि व्यवस्था आपके मानसिक स्वास्थ्य की मदद के लिए कुछ नहीं कर रही है तो फिर अगर आप सक्षम है तो आपको अपने लिए स्वयं सहयोग तलाशना होगा।’ भारत की तरफ से 48 वनडे और 76 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेलने वाली वेदा ने कहा, ‘मुझसे भी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे थे और मैंने इसके लिए मदद ली थी।’
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की कोविड-19 के कारण अपने परिजनों को गंवाने वाले खिलाड़ियों से संपर्क नहीं करने के लिए आलोचना की गई थी, जिसके बाद बोर्ड सचिव जय शाह ने वेदा को फोन किया था। वेदा ने कहा, ‘मैं उन लोगों से नाराज नहीं हूं, जिन्होंने मुझे फोन नहीं किया या संदेश नहीं भेजा। मैं उन सभी का आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने मेरी परवाह की। मुझे बीसीसीआई सचिव का फोन आया और ईमानदारी से कहूं तो मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब वह बेंगलुरु आएंगे तो मुझसे मिलेंगे।’