सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मध्य प्रदेश से बसपा विधायक के पति की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और उनसे कहा कि शीर्ष अदालत के साथ खेल मत कीजिए। उन्हें कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या के दो वर्ष से अधिक पुराने मामले में गिरफ्तार किया गया था। जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने बसपा विधायक रामबाई सिंह के पति गोविंद सिंह को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी और कहा, उच्चतम न्यायालय आपको जमानत नहीं देगा। आप उपयुक्त मंच से राहत का आग्रह कर सकते हैं।
जब सिंह के वकील ने उच्चतम न्यायालय से कहा किया कि उन्हें निचली अदालत को जमानत के लिए राजी करने की अनुमति दी जाए तो पीठ ने कहा, हम आदेश में कुछ नहीं कह रहे हैं या आपको छूट नहीं दे रहे हैं। उच्चतम न्यायालय के साथ खेल मत कीजिए। पीठ ने सिंह से कहा कि उन पर हत्या का मामला दर्ज है और उनके खिलाफ 17 मामले लंबित हैं और जब उन्होंने फरार होने का प्रयास किया तो उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी हुआ था। अदालत का रुख भांपते हुए सिंह की तरफ से पेश हुए वकील राजकिशोर चौधरी ने कहा कि उन्हें जमानत याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस शाह ने कहा कि सिंह को सिर्फ इसलिए पुलिस सुरक्षा दी गई थी कि वह विधायक के पति हैं और पुलिस उनको गिरफ्तार करने के बजाय उनकी सुरक्षा कर रही थी। इस अदालत के आदेश के बाद ही आपको गिरफ्तार किया गया। हम आपको जमानत नहीं देना चाहते।
पुलिस महानिदेशक को दिया था सख्त निर्देश
उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया था कि या तो वह सिंह को गिरफ्तार करें या कड़ी कार्रवाई का सामना करें जिसके बाद फरार सिंह को 28 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद मार्च 2019 में उनकी हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने तब सिंह एवं अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था।