महाराष्ट्र के अहमदनगर में कोरोना की दूसरी लहर 18 साल से कम आयुवर्ग के किशोर-किशोरियों पर कहर बनकर टूटी है। सिर्फ मई महीने में ही यहां इस आयुवर्ग के 9 हजार से ज्यादा बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इतना ही नहीं, अप्रैल महीने में भी यहां इस उम्र के 7 हजार 760 बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए थे।
सिविल सर्जन सुनील पोखरना ने बताया, ‘बच्चों में संक्रमण दर इसलिए बढ़ी क्योंकि कुल संक्रमण दर ही बढ़ गई थी। अप्रैल में भी 7 हजार 760 बच्चे संक्रमित पाए गए थे। हालांकि, अभी तक कोई गंभीर मामला दर्ज नहीं किया गया है।’
हालांकि, उद्धव ठाकरे सरकार ने अभी से इस स्थिति को लेकर सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है और जिला प्रशासन को स्थिति से निपटने के लिए रणनीति बनाने का आदेश भी दे दिया है।
इसके अलावा राज्य सरकार ने अहमदनगर प्रशासन से कहा है कि वह निजी अस्पतालों में बच्चों के लिए स्पेशल वॉर्ड बनाए और वहां जरूरी दवाओं की आपूर्ति भी सुनिश्चित करे।
ऐसी आशंकाएं भी जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर होगा। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार ने पिछले हफ्ते ही पब्लिख हेल्थ डिपार्टमेंट को आदेश दिया था कि वह जरूरी तैयारियों के लिए एक टास्कफोर्स तैयार करे। इस टास्कफोर्स में जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञों सहित कुल 13 एक्सपर्ट्स होंगे।