पूर्वी लद्दाख में चीन से सालभर से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को अहम जानकारी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि चीन भारत के साथ लगने वाली तिब्बत सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहा है। इसकी जानकारी वह केंद्र सरकार के साथ साझा करेंगे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, ”यह सच है कि चीन तिब्बत से सटे हमारे सीमा क्षेत्र में अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। हम केंद्र को इसकी जानकारी देंगे। उन्होंने (चीन) हमारे से अधिक ऊंचाई पर सड़क मार्ग से कुछ निगरानी गतिविधियां भी शुरू की है।” ठाकुर ने लाहौल स्पीति जिले के शामडो में भारत-चीन सीमा क्षेत्र का दौरा किया है। ठाकुर ने कहा कि पिछले साल चीनी हेलीकॉप्टरों द्वारा राज्य की हवाई सीमा का कथित उल्लंघन किए जाने, सीमा के समीप सड़कें बनाने समेत कुछ निर्माण गतविधियों की सूचना मिलने के बाद वह सीमावर्ती क्षेत्र गए थे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई अध्यक्ष कुलदीप राठौड़ के उन आरोपों के बीच संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन की निर्माण गतिविधियों से ग्रामीणों में असुरक्षा की भावना है। जयराम ठाकुर ने आरोपों से इनकार किया और कांग्रेस नेता से सीमा से संबंधित मुद्दे पर राजनीति से दूर रहने का आह्वान किया।
पिछले साल अप्रैल महीने से भारत और चीन के बीच एलएसी पर विवाद चल रहा है। हालांकि, कई दौर की वार्ता के बाद विवाद में कुछ कमी आई है, लेकिन अभी भी दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है। पिछले शुक्रवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में सभी घर्षण बिंदुओं पर पूरी तरह से विघटन के बिना कोई डी-एस्केलेशन नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा था कि भारतीय सेना इस क्षेत्र में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में, जनरल नरवणे ने कहा कि भारत पूर्वी लद्दाख में अपने दावों की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए चीन के साथ दृढ़ संकल्पित है। इसी के अनुरूप व्यवहार भी कर रहा है।