दिल्ली हाईकोर्ट ने मैट्रिक्स सेलुलर सर्विसेज को राहत देने से इनकार करते हुए दिल्ली पुलिस द्वारा जब्त ऑक्सीजन कंसंट्रेटर वापस लौटाने का आदेश देने से इनकार कर दिया। कंपनी की मांग को ठुकराते हुए हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मामले की जांच आरंभिक चरण में है, ऐसे में जब्त किए गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को वापस करने का आदेश अभी नहीं दिया जा सकता है। दिल्ली पुलिस ने जमाखोरी व कालाबाजारी के आरोप में कंपनी के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जब्त किए हैं।
जस्टिस योगेश खन्ना ने गुरुवार को दिए अपने फैसले में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली पुलिस द्वारा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जब्त करने में कानून की अवहेलना नहीं की गई है। हाईकोर्ट ने कहा है कि पुलिस ने यह कार्रवाई तब की जब महामारी के दौरान राज्य में ऑक्सीजन की भारी किल्लत थी और जरूरतमंद लोग अपने मरीजों की जान बचाने की खातिर इसके लिए दर-दर भटक रहे थे।
हाईकोर्ट ने कहा है कि पहली नजर में याचिकाकर्ता कंपनी केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल जून में जारी उस आदेश की अनदेखी कर रही थी जिसमें इस कंपनी या इसके जैसी अन्य कंपनियों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कीमत नहीं बढ़ाने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने कहा है कि यदि जब्त ऑक्सीजन कंसंट्रेटर याचिकाकर्ता को वापस करने का आदेश दिया जाता है तो यह दो जजों की बेंच के आदेश की भी अवहेलना होगी। दो जजों की बेंच ने पुलिस व जिला अधिकारियों से कालाबाजारी में जब्त ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व अन्य चिकित्सा उपकरणों को जरूरतमंद मरीजों के लिए इस्तेमाल करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कंपनी की उस मांग को खारिज कर दिया जिसमें दिल्ली पुलिस द्वारा जब्त ऑक्सीजन कंसंट्रेटर वापस लौटाने की मांग की गई थी।
कंपनी ने हाईकोर्ट को बताया था कि उसने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन कर और सीमा शुल्क और जीएसटी का भुगतान करते हुए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का आयात किया है। यह दलील देते हुए कंपनी ने पुलिस द्वारा जब्त किए गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को वापस लौटाने की मांग की थी। मैट्रिक्स सेलुलर सर्विसेज कंपनी ने हाईकोर्ट से दिल्ली पुलिस द्वारा 419 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जब्त किए जाने को अवैध ठहराने और इसे वापस करने का आदेश देने की मांग की थी। कंपनी ने कहा कि उसने इसे आयात करने के लिए सभी कानूनों का पालन किया है और सीमा शुल्क और जीएसटी का भुगतान किया है। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि कंपनी पूरी ही गोपनीयता के साथ कम दरों पर आयात किए गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से काफी अधिक दरों पर लोगों को बेच रही थी।