केंद्र सरकार द्वारा जारी नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का पालन नहीं किए जाने पर सोशल मीडिया नेटवर्क ट्विटर (Twitter) के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में ट्विटर को तत्काल प्रभाव से सरकार द्वारा जारी नियमों का पालन करने का आदेश देने की मांग की है।
वकील अमित आचार्य ने याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार ने इसी साल 25 फरवरी को नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों को जारी करते हुए ट्विटर सहित सभी सोशल मीडिया नेटवर्कों को 3 माह के भीतर इस पर अमल करने का निर्देश दिया था। याचिका में कहा गया है कि 25 मई को समय सीमा समाप्त होने के बाद भी ट्विटर ने अब तक अपने प्लैटफॉर्म पर ट्वीट के बारे में शिकायतों के निवरण के लिए स्थानीय शिकायत अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है।
सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थों और डिजिटल मीडिया आचार संहिता के लिए दिशानिर्देश) नियम, 2021 को केंद्र सरकार ने 25 फरवरी, 2021 को अधिसूचित किया था। इसके तहत सोशल मीडिया नेटवर्कों को इस बात का पता लगाना होगा कि कोई मैसेज सबसे पहले किसने भेजा। इसके साथ ही किसी पोस्ट, मैसेज के बारे में शिकायतों का निवारण के लिए स्थानीय शिकायत अधिकारी नियुक्त करने को कहा है।
याचिकाकर्ता आचार्य ने याचिका में कहा है कि उन्हें ट्विटर द्वारा कथित नए नियमों का पालन नहीं करने के बारे में तब पता चला जब, उन्होंने कुछ ट्वीट्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि याचिका में ट्विटर को बिना किसी देरी के एक स्थानीय शिकायत अधिकारी नियुक्त करने का आदेश देने की मांग की गई है। याचिका में केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश देने की मांग की गई है कि ट्विटर द्वारा नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का पालन किया जाए।
ट्विटर ने हाल में नए आईटी नियमों की आलोचना की थी और कहा था कि ये नियम मुक्त और खुली सार्वजनिक बातचीत को रोकते हैं। इस पर प्रतिक्रिया में केंद्र ने कहा था कि ट्विटर भारत को बदनाम करने के लिए निराधार और झूठे आरोप लगा रहा है।