कोरोना काल में एलोपैथिक दवाओं पर अपने बयानों को लेकर योग गुरु रामदेव आजकल चर्चा में हैं। बुधवार को योग गुरु रामदेव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वह अधिकारियों को गिरफ्तार करने की चुनौती देते दिखते हैं। इससे पहले दिन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की कि कोविड-19 के उपचार के लिए सरकार के प्रोटोकॉल को चुनौती देने और टीकाकरण पर कथित दुष्प्रचार वाला अभियान चलाने के लिए योगगुरु रामदेव पर तत्काल राजद्रोह के आरोपों के तहत मामला दर्ज होना चाहिए।
सोशल मीडिया पर वायरल 40 सेकेंड के वीडियो में स्वामी रामदेव कहते दिखते हैं, ‘खैर अरेस्ट तो उनका कोई बाप भी नहीं कर सकता स्वामी रामदेव को… लेकिन एक शोर मचा रहे हैं…कि अरेस्ट स्वामी रामदेव… कभी कुछ चला देते हैं…कि अरेस्ट रामदेव…ठग रामदेव…कभी महाठग रामदेव…कभी गिरफ्तार रामदेव…चलाते रहे हैं…चलाने दो।’यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है और एक तबका उनकी आलोचना के संदर्भ में इसे खूब शेयर कर रहा है। हालांकि, हिन्दुस्तान इस वीडियो की सत्यता और संदर्भ की पुष्टि नहीं करता। इस वीडियो पर पतंजलि के प्रवक्ताओं ने समाचार लिखे जाने तक टिप्पणी करने से इनकार किया है।
बाबा बोल रहे हैं कि उन्हें लेकर लोग कुछ न कुछ चलाते रहते हैं। कभी गिरफ्तार करो रामदेव को तो कभी वे लोग उन्हें न जाने क्या क्या कह रहे हैं। अपने लोगों को भी प्रेक्टिस हो गई है इस ट्रेंड में जवाब देने की तो वे जवाब इतना देते हैं कि टॉप पर पहुंच जाते हैं। इसके लिए वे बधाई देते हैं। सोशल मीडिया में वायरल हुई वीडियो में बाबा रामदेव के बगल में भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के पदाधिकारी बैठे दिख रहे हैं। वीडियो में बाबा ने किसी का नाम नहीं लिया है।
केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप के बाद दोनों ओर से जिस तरह से बयान आमने सामने आ रहे हैं उससे विवाद थमने के बाजाए बढ़ता दिख रहा है। सोशल मीडिया में मामला बहुत गरमा गया है। बीते मंगलवार को अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में आचार्य बालकृष्ण ने आईएमए के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी पर क्रिश्चियनिटी कनवर्ट को लेकर तल्ख टिप्पणी की थी।