Budh Purnima 2021: वैशाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल बुद्ध पूर्णिमा 26 मई 2022, दिन बुधवार को है। कहा जाता है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। घर में सुख-शांति और खुशहाली आने की भी मान्यता है।
इस साल बुद्ध पूर्णिमा कई शुभ संयोगों में मनाई जाएगी। इस साल बुद्ध पूर्णिमा के दिन शिव और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। शिव योग 26 मई की रात 10 बजकर 52 मिनट तक रहेगा, इसके बाद शिव योग लगेगा।
शुभ योगों का समय-
ब्रह्म मुहूर्त- 03:35 ए एम, मई 27 से 04:17 ए एम, मई 27 तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग- 04:59 ए एम से 01:16 ए एम, मई 27 तक।
अमृत सिद्धि योग- 04:59 ए एम से 01:16 ए एम, मई 27 तक।
Buddha Purnima 2021: इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा यानी की वैशाख पूर्णिमा 26 मई के दिन मनाई जा रही है | इस दिन बुधवार का दिन है| अक्सर class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो को कहा जाता है बुद्ध पूर्णिमा पर कविता लिखें| जिसके लिए हम पेश कर रहे हैं हैप्पी बुद्धा जयंती, Buddha Day, इस तरह से इंटरनेट पर सर्च करते है व स्कूलों के प्रोग्राम व कम्पटीशन में भाग लेते है| आज हम आपके सामने पेश कर रहे हैं buddha purnima Lines in Hindi, English Language . ‘बुद्ध पूर्णिमा’, बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे बड़ा त्यौहार होता है। इसको ‘बुद्ध जयंती’ के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार वैशाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है। इसीलिये इसे ‘वैशाख पूर्णिमा’ भी कहा जाता है। यह गौतम बुद्ध की जयंती है। भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण ये तीनों एक ही दिन अर्थात वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुए थे। बौद्ध धर्म के अनुयायी बुद्ध पूर्णिमा को सम्पूर्ण विश्व मेँ बहुत धूमधाम से मनाते हैं। हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए बुद्ध विष्णु के नौवें अवतार हैं। अतः हिन्दुओं के लिए भी यह दिन पवित्र माना जाता है। वैशाख पूर्णिमा (Vesak)को बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। बुद्ध पूर्णिमा के दिन बौद्ध घरों में दीपक जलाए जाते हैं और फूलों से घरों को सजाया जाता है। बौद्ध धर्म के धर्मग्रंथों का निरंतर पाठ किया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य और धर्म-कर्म के अनेक कार्य किए जाते हैं। इस दिन मिष्ठान, सत्तू, जलपात्र, वस्त्र दान करने तथा पितरों का तर्पण करने से बहुत पुण्य की प्राप्ति होती है।
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इस दौरान न करें पूजा-पाठ
राहुकाल- 11:45 ए एम से 01:27 पी एम तक।
भद्रा- 04:59 ए एम से 06:36 ए एम तक।
बुद्ध पूर्णिमा कब से कब तक है?
बुद्ध पूर्णिमा 25 मई दिन मंगलवार को रात 08 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 26 मई दिन बुधवार को शाम 04 बजकर 43 मिनट तक रहेगी।