दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में 4 मई की रात को पहलवान सागर धनकड़ हत्याकांड मामले में गिरफ्तार किए गए ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार को अपनी गलती का अहसास हो रहा है। सलाखों के पीछे पहुंचते ही सुशील कुमार टूट गए और फूट-फूट कर रोने लगे। सुशील पर किडनैपिंग, मर्डर और आपराधिक साजिश का आरोप है जिसके चलते उनको उम्रकैद या फांसी की सजा मिल सकती है।
दिल्ली हाईकोर्ट के वकील प्रशांत मनचंदा ने बताया कि सुशील कुमार पर अपहरण, हत्या व आपराधिक साजिश का आरोप है। इन आरोपों के साबित होने की स्थिति में कम से कम उम्रकैद की सजा एवं अधिकतम फांसी तक की सजा सुनाई जा सकती है। इसके अलावा जुर्माना भी किया जा सकता है। तीनों आरोपों में अलग से सजा सुनाई जा सकती है। हालांकि इन तीनों अपराधों में सजा एक साथ चलेगी। इसलिए कम से कम व अधिक से अधिकतम का फार्मुला ही लागू होता है।
लॉकअप में फूट-फूट कर रोए सुशील कुमार
लॉकअप की फर्श पर बैठे सुशील कुमार को अपनी गलती पर पछतावा हो रहा था। वह लॉकअप में ही फूट-फूट कर रोने लगा। जब पुलिस ने उसे बाहर निकाला तो उसने वरिष्ठ अधिकारी के सामने अपनी गलती स्वीकार की और कहा कि वह सिर्फ डराना चाहता था। वहीं क्राइम ब्रांच की हिरासत में उसने पूरी रात जागकर बिताई। यहां तक कि उसने भोजन करने से भी मना कर दिया। वह हिरासत में भी रात भर रोता रहा। हालांकि अजय शांत होकर बैठा था और उसने खाना भी नहीं खाया।
सिर्फ डराना चाहते थे
सुशील ने बातचीत के क्रम में सुबकते हुए वरिष्ठ अधिकारी के सामने अपनी गलती स्वीकार की। उसने कहा कि वह सिर्फ डराना चाहता था। इसलिए सागर और समेत उसके साथियों की पिटाई की गई थी। वहां पर हथियार भी इसीलिए लाए गये थे। इस पूरे घटना का वीडियो भी खौफ पैदा करने के लिए बनवाया गया था। उसने बताया कि घटना के बाद भी वह छत्रसाल स्टेडियम में ही था। लेकिन चोट ज्यादा लग जाने के कारण जब सागर की मौत की सूचना मिली तो वह मौके से भाग गया।