दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केन्द्र सरकार से पूछा कि वह कैसे किसी व्यक्ति को भारत आने से सिर्फ इसलिए रोक सकता है क्योंकि उसकी मां पाकिस्तान जाती थी। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने केन्द्र से यह सवाल तीन अमेरिकी नागरिकों, जो ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड धारक भी हैं, की याचिका पर सुनवाई करते हुए किया। इन्होंने परिवार से मिलने के लिए उन्हें वीजा देने से इंकार करने के फैसले को चुनौती दी है।
उच्च न्यायालय ने पूछा कि आप किसी व्यक्ति को भारत आने से कैसे रोक सकते हैं, वह भी इसलिए कि उसकी मां पाकिस्तान जाती रही हैं। पीठ ने विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित भारतीय महा वाणिज्य दूतावास को नोटिस जारी कर 9 जून तक याचिका पर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि उसने, पत्नी और दो बेटियों ने जनवरी 2021 में ओसीआई कार्ड का नवीनीकरण कराने के लिए आवेदन किया जिनमें से उसकी पत्नी के कार्ड का नवीनीकरण कर दिया गया। अधिवक्ता आभा रॉय के जरिए दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा कि हालांकि, उसका और उसकी दो बेटियों के ओसीआई कार्ड का नवीनीकरण इसलिए नहीं किया गया क्योंकि उसकी मां बचपन में पाकिस्तान में रहती थी और शादी के बाद भारतीय नागरिक बनने के बावजूद पाकिस्तान जाती थीं। रॉय ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी परिपत्र के मुताबिक इन तीन कार्ड धारकों के ओसीआई कार्ड का नवीनीकरण करने की जरुरत नहीं है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार के परिपत्र के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को 20 वर्ष का होने के बाद आईसीआई कार्ड मिलता है तो उसे 50 साल की उम्र तक इसका नवीनकरण कराने की जरुरत नहीं है। इसके बाद संबंधित व्यक्ति को इसका एक बार नवीनीकरण कराना होता है। हालांकि, अगर यह कार्ड 50 साल की उम्र के बाद मिला है तो इसके नवीनीकरण की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस तथ्य की सराहना करने में विफल रही है कि याचिकाकर्ता को यह कार्ड उसके 50 साल का होने के बाद मिला है जबकि उसकी दोनों बेटियों को 20 साल का होने के बाद मिला और ऐसी स्थिति में इसके नवीनीकरण की जरुरत ही नहीं है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार उनके लिए भारत की यात्रा करना बहुत जरुरी है क्योंकि उनकी की सेहत काफी खराब है।