नेपाल के तराई क्षेत्र होते हुए भारतीय सीमा में पहुंचने का चीन ने पूरा इंतजाम कर लिया है। भारतीय सीमा से महज आठ किलोमीटर दूर सिरहा जिला के लहान में चीन ने अपना बेस कैंप किराए के एक होटल को बनाया है। यह होटल चीन ने तीन साल के लिए किराया पर लिया है। वहां किसी भी बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। इसके अलावा भारत के उत्तर प्रदेश और बिहार से लगने वाली कमला नदी के आसपास भी कंचनपुर टू कमला एक्सप्रेस-वे बनाने का निर्माण कार्य कर रहा है।
ड्रैगन की चालाकी इसी से समझ में आ रही है कि नेपाल को भी वह झांसे में रखकर सड़क के बदले रेल पटरी बिछाने में लगा है। इसका खुलासा नेपाल के स्थानीय लोग और भारतीय सुरक्षा बलों की गुप्तचर एजेंसी ने किया है। मामले की जानकारी मिलने के बाद नेपाल में दो पार्टियों के बीच भी घमासान की स्थिति है। हालांकि चीन फिलहाल दिन-रात एक कर नेपाल में काम कर रहा है। नेपाल में चीन की हर गतिविधि की निगरानी भारत सरकार का गृह मंत्रालय कर रहा है। नेपाल के सिंधुपाल, रुसबा, गोरखा, दारचुला, हुमला, सागरमाथा और माउंट एवरेस्ट की चोटी के इलाके पर चीन का खासा प्रभाव माना जाता है।
18 अरब की लागत से सड़क निर्माण के बहाने बिछा रहा रेल पटरी
नेपाल के सीमा से सटे तराई इलाके में चीन 18 अरब की लागत से सड़क बनाने के बहाने रेल पटरी बिछा रहा है। इसमें नेपाली मजदूरों के अलावा भारतीय मजदूरों की बड़ी खेप को बुलवाकर नेपाल में काम दिया जा रहा है। हालांकि चीन के इंजीनियर नेपाल में किसी भी तरह की कोई असामाजिक गतिविधि और कोई घटना नहीं हो इसका पूरा ध्यान रख रहे हैं। चीनी कर्मचारी और इंजीनियर सिरहा जिले के लहान स्थित जिस होटल में रह रहे हैं वहां पर किसी से भी नहीं मिलते। दूर तक बैरिकेडिंग कर प्रतिबंधित क्षेत्र भी लिख दिया है।
नेपाल में चीनी गतिविधि की जानकारी ले रहा गृह मंत्रालय
चीन की नेपाल में हर गतिविधि की जानकारी भारत की खुफिया एजेंसी ले रही है। पिछले तीन माह में चीन ने अपनी गतिविधि नेपाल के कई क्षेत्रों में बढ़ाई है। नेपाल में चीन निर्माण से लेकर दान तक भारी मात्रा में कर रहा है, ताकि लोग चीन के क्रियाकलापों के खिलाफ आवाज नहीं उठाएं। गुप्तचर विभाग के वरीय अधिकारी ने बताया कि नेपाल के पल-पल की जानकारी एजेंसी के माध्यम से गृह मंत्रालय को भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि नेपाल के अधिकांश लोग भारत से ही बेटी रोटी का रिश्ता रखना चाहते हैं। लेकिन कुछ राजनीतिक दल चीन के पक्ष में हैं तो कुछ चीन के द्वारा किए जा रहे कार्य का विरोध भी कर रहे हैं।
फाइव जी टावर और तराई क्षेत्र से भारत पर नजर
चीन नेपाल के तराई क्षेत्र के माध्यम से भारत के अधिकांश क्षेत्रों के आसपास अपना अधिपत्य जमाना चाहता है, ताकि बाद में वह भारतीय सीमा में प्रवेश कर सके। माउंट एवरेस्ट की वजह से वह नेपाल के रास्ते ही भारतीय सीमा में घुस सकता है। यह चीन की भौगोलिक मजबूरी भी है। इसके अलावा माउंट एवरेस्ट के सागरमाथा जिला के समीप चीन फाइव जी टावर भी लगा रहा है। इस टावर से कई इलाकों पर उनकी नजर रहेगी और वहां से वह कई अन्य तरह की भी गतिविधि कर पाएंगे।