हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने निजी अस्पतालों में कोविड-19 का इलाज करा रहे राज्य के गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के मरीजों को एक और बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि इन मरीजों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। हालांकि इससे पूर्व, राज्य सरकार ऐसे मरीजों को 35,000 तक की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी।
सीएम खट्टर ने शुक्रवार को यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला उपायुक्तों और प्रशासनिक सचिवों के साथ कोविड-19 प्रबंधन की आठवीं समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। बैठक में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित थे, जबकि गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अंबाला से बैठक में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो बीपीएल परिवार आयुष्मान भारत योजना में शामिल नहीं हैं, केवल वह परिवार इस लाभ के लिए पात्र होंगे और जिला उपायुक्त यह सुनिश्चित करें कि यह योजना जमीनी स्तर तक पहुंचे। उन्होंने उपायुक्तों को ऐसे पात्र मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर यह सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य के सरकारी और निजी अस्पताल पहले से ही कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ कड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन अब ब्लैक फंगस मामलों पर निगरानी रखने सहित पोस्ट-कोविड समस्याओं से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
ब्लैक फंगस पर बनाई जा रही अहम रणनीति
जिला उपायुक्त को अब फील्ड कमांड की तरह काम करना होगा और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और रणनीतियों का जमीनी स्तर पर उचित एवं तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित करना होगा। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि आने वाले दिनों में लोगों में ब्लैक फंगस के प्रति जागरूकता लाने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और इसके इलाज के लिए डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बैठक में यह भी बताया गया कि कोविड के बाद के लक्षणों से निपटने के लिए प्रदेशभर के जिला अस्पतालों में नियमित ओपीडी के साथ विशेष क्लीनिक खोलने की योजना है।
मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्तों को ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों में कम से कम 20 बेड आरक्षित रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए शुरुआती दौर में ही हरसम्भव प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि उपायुक्त यह सुनिश्चित करें कि उनके संबंधित जिलों के प्रत्येक अस्पताल इस घातक बीमारी से पीड़ित मरीजों के रियल टाइम डेटा को साझा करें और ऐसे मरीजों को केवल मेडिकल कॉलेजों में ही रेफर किया जाए।
एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के वितरण के लिए बनेगी कमेटी
खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए व्यवहारिक रणनीति बनाने के साथ-साथ ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित करने से लेकर इसकी रोकथाम के लिए अलग से केंद्र स्थापित करने और इसके इलाज के लिए आवश्यक दवा एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के वितरण पर निर्णय लेने के लिए विशेषज्ञ कमेटी का गठन करने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं ताकि सभी को समय पर इलाज की सुविधा मिल सके।
मुख्यमंत्री को बताया कराया गया कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में होम आइसोलेशन वाले मरीजों के घर-द्वार पर ऑक्सीजन सिलेंडर की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित की जा रही है और अब तक लगभग 10,000 सिलेंडर जरूरतमंद मरीजों तक पहुंचाए जा चुके हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई के लिए पोर्टल पर अब तक 378 गैर सरकारी संगठनों को पंजीकृत किया गया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऑक्सीजन सिलेंडर की डिलीवरी दो घंटे के भीतर सुनिश्चित की जाए।
एक बार फिर किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील
सीएम खट्टर ने जिला उपायुक्तों को आंदोलनरत किसानों को कोरोना की रोकथाम में सरकार का सहयोग करने हेतु राजी करने के लिए समर्पित प्रयास करने को भी कहा। उन्होंने स्वयं भी किसानों से आग्रह किया है कि समय की जरूरत को समझते हुए किसान भाई अपना आंदोलन तुरंत वापस लें ताकि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि यह मानवता पर आया सबसे बड़ा संकट है, इसलिए सभी को मिलकर लड़ना होगा। यह महामारी किसी व्यक्ति, शहर या किसी वर्ग की नहीं है। उन्होंने निर्देश दिए कि हरियाणा ग्रामीण सामान्य स्वास्थ्य जांच योजना के तहत गांवों में घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच करने वाली टीम के प्रत्येक सदस्य का टीकाकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अब तक मल्टीडिसिप्लिनरी टीमें 4097 गांवों में 11,08,415 घरों को कवर कर चुकी हैं और 47,57,036 व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच की गई है। यह भी बताया गया कि गांव में बने आइसोलेशन सेंटरों में करीब 284 लोगों का इलाज चल रहा है। राज्य में अब तक पात्र लाभार्थियों को 51 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण की खुराक दी जा चुकी हैं। आने वाले दिनों में केंद्र सरकार के कार्यक्रम के अनुसार, पात्र लाभार्थियों का तेजी से टीकाकरण किया जाएगा।