इजराइल और फलस्तीन के चरमपंथी समूह हमास के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बन गई है। इसके बाद 11 दिन तक चले निर्मम युद्ध पर विराम लग गया। यह 11 दिन का संघर्ष 2014 के गाजा युद्ध के बाद से सबसे भीषण संघर्ष रहा है। इसमें 240 से अधिक लोगों की मौत हो गई। गाजा पट्टी में बड़े पैमाने पर बर्बादी हुई और इस अस्थिर क्षेत्र के कहीं अधिक अस्थिर होने का डर पैदा हो गया था। यह संघर्ष 10 मई को शुरू हुआ था जब कई हफ्तों से पूर्वी येरुशलम में बढ़ते इजराइली-फलस्तीनी तनाव ने संघर्ष का रूप ले लिया था।
दबाव का असर दिखा
यह संघर्ष विराम, अमेरिका, मिस्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों की तरफ से हिंसा को रोकने के लिए बनाए जा रहे दबाव के बाद शुक्रवार को प्रभावी हुआ। इजरायली सुरक्षा कैबिनेट ने गुरुवार देर रात को संघर्ष विराम को स्वीकार करने के पक्ष में वोट डाले जब दक्षिण इजरायल और गाजा दोनों उन्माद में थे। प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि सुरक्षा कैबिनेट परस्पर एवं बिना शर्त शत्रुता समाप्त करने पर सर्वसम्मति से सहमत हुआ। बयान में कहा गया, नेताओं ने कहा है कि जमीनी हकीकत अभियान के भविष्य को निर्धारित करेगी। हालांकि, नेतन्याहू ने सुरक्षा बलों (आईडीएफ) को उस स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है कि अगर हमास मिस्र के संघर्षविराम प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करता है।
गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक में जश्न
संघर्ष विराम के बाद गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक में भी जश्न मनाते हुए प्रदर्शन किए गए। सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए कई वीडियो में आतिशबाजी, गाना-बजाना और लोग सड़कों पर परेड करते दिख रहे हैं। इजरायल और हमास दोनों ने संघर्ष में अपनी-अपनी जीत का दावा किया है। संघर्ष में मारे गए करीब 240 लोगों में एक भारतीय देखभाल कर्ता भी शामिल है। केरल के इदुक्की जिले की रहने वाली 30 वर्षीय सौम्या संतोष की गाजा से फलस्तीनियों चरमपंथियों द्वारा किए गए रॉकेट हमले में इजरायल के एशकेलोन में मौत हो गई थी।
मिस्र ने मध्यस्थता की पहल की थी
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने इजरायल और हमास के बीच मिस्र की मध्यस्थता से हुए संघर्ष विराम की सफलता के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का शुक्रिया किया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि फलस्तीनियों और इजराइलियों को सुरक्षित तरीके से जीवन जीने का समान रूप से अधिकार है और स्वतंत्रता, समृद्धि एवं लोकतंत्र के समान प्रावधानों को प्राप्त करने का भी हक है।
सुरक्षित जीवन जीने का अधिकार
बाइडन ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में कहा, मेरा मानना है कि फलस्तीनियों और इजराइलियों को समान रूप से सुरक्षित जीवन जीने का तथा स्वतंत्रता, समृद्धि एवं लोकतंत्र के समान उपायों को हासिल करने का अधिकार है। मेरा प्रशासन उस दिशा में हमारी शांत एवं अनवरत कूटनीति को जारी रखेगा। मेरा मानना है कि हमारे पास प्रगति करने के वास्तविक अवसर हैं और मैं इसपर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। बाइडन ने कहा कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर गाजा के लोगों को त्वरित मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
4,000 से अधिक रॉकेट दागे
इजरायल ने गाजा में सैकड़ों हवाई एवं जमीनी हमले किए जबकि फलस्तीनी चरमपंथियों ने पिछले सोमवार से मध्य एवं दक्षिणी इजरायल में 4,000 से अधिक रॉकेट दागे। हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इजरायली हवाई हमलों में 65 बच्चों समेत 230 फलस्तीनियों की मौत हो गई। आईडीएफ और इजरायल की आपात सेवा के मुताबिक गाजा से फलस्तीनी चरमपंथी के हमले में दो बच्चों समेत कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई।
वार्ता बहाल करने में सहायक माहौल बनाने का प्रयास हो: भारत
भारत ने रेखांकित किया है कि इजरायल और फलस्तीन के बीच वार्ता बहाल करने में सहायक माहौल तैयार करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। भारत ने जोर देकर कहा कि क्षेत्र में दीर्घकालिक शांति और स्थिरत कायम के लिए अर्थपूर्ण वार्ता का दौर लंबा चल सकता है। पश्चिम एशिया और फलस्तीन की स्थिति पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा की बुलाई गई बैठक में बोलते हुए भारत के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत एवं स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, हम लगातार जोर दे रहे हैं कि तत्काल तनाव को कम करना इस वक्त की जरूरत है ताकि हिंसा की कड़ी को तोड़ा जा सके। हम आह्वान करते हैं कि तनाव को बढ़ाने वाले किसी भी कदम से बचना चाहिए। इसके साथ ही एक तरफा तरीके से यथास्थिति बदलने की कोशिश से भी बचना चाहिए।
हमास के अधिकारी ने कहा, मिसाइलों की कोई कमी नहीं
गाजा की लड़ाई धीरे-धीरे शांत होने और संघर्षविराम की उम्मीदें बढ़ने के साथ ही हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को एक साक्षात्कार में कहा कि फलस्तीनी चरमपंथी समूह के पास मिसाइलों की कोई कमी नहीं है और अगर वह चाहे तो इजरायल पर कई महीनों तक मिसाइलें दागना जारी रख सकता है। ओसामा हमदान ने हमास चरमपंथियों के साथ 11 दिन से जारी निर्मम युद्ध में संघर्षविराम की इजरायल की घोषणा से कुछ घंटे पहले यह बात कही। गुरुवार देर रात की घोषणा में बताया गया कि मिस्र के एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है।