मानसून से पहले चक्रवात के असर से यूपी के कई जिलों में बुधवार को पूरे दिन बारिश होती रही। कुछ जिलों में देर शाम को भी बारिश की हल्की-हल्की बूंदे पड़ीं। धीमे-धीमे चली बारिश ने लखनऊ की सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। बारिश से कई जगह जलभराव हो गया। सीवर ऊफनाने लगा। सीवर व नाले का गंदा पानी घरों के सामाने जमा हो गया। दिनभर रुक-रुककर हुई बारिश से लोगों को परेशान होना पड़ा। बरेली, गाजियाबाद, बदायूं, पीलीभीत में दिनभर धीरे-धीरे बारिश होने से मौसम सुहावना हो गया। मई में पड़ने वाली भीषण गर्मी से लोगों ने राहत पाई।
अरब सागर से उठे चक्रवात तौकते का असर पूरे यूपी में दिखा। प्रदेश के कई जिलों में बुधवार सुबह से बारिश शुरू हुई जो शाम तक जारी रही। कभी धीमी तो कभी तेज गति से बारिश हुई। लखनऊ में दिनभर महज 13 मिली मीटर बारिश हुई। इतनी कम बारिश में ही लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ गया। इंदिरानगर सेक्टर-11 स्थित शिवाजीपुरम की गली नंबर 14 में सीवर उफना गया। लोगों के घरों के सामने गंदा पानी भर गया। यहां पर पिछली बार बारिश में लोगों को संघर्ष करना पड़ा था। लोगों के घरों में गंदा पानी भर गया था।
फैजुल्लागंज में हुआ जलभराव
फैजुल्लागंज में श्रीनगर, शिव विहार, बसंत विहार, शिवलोक सहित दर्जनभर से ज्यादा कॉलोनियों में लोगों को जलभराव के संकट से जूझना पड़ा। यहां पर अभी नालियों की सफाई का काम भी अधूरा पड़ा हुआ है। आलमबाग के चंदरनगर में सीवर लाइन के लिए सड़क खोदी गई है। मिट्टी के कारण सड़क पर फिसलन बहुत ज्यादा हो गई। कई लोग फिसलकर चोटिल हो गए। इसके अलावा जानकीपुरम के सेक्टर-एच, छुइयापुरवा अलीगंज के बरहा सबौली, रवीन्द्रपल्ली, राजाजीपुरम के भी कुछ इलाकों में बारिश का पानी निकलने में तीन-चार घंटे का समय लग गया।
सिल्ट उठान न होने से नालियां फिर पटीं
नालियों की सफाई का काम अभी चल रहा है। इस्माइलगंज, इंदिरानगर, भूतनाथ, कपूरथला, राजाजीपुरम सहित ज्यादातर इलाकों में सिल्ट निकालकर नालियों के किनारे छोड़ दी गई है। बारिश से पूरी सिल्ट फिर नालियों में समा गई। अब नालियों की फिर सफाई करानी पड़ेगी। नालियों की सिल्ट दो से तीन दिन में हरहाल में उठाने का सख्त निर्देश हैं। इसके बाद भी दस दिन तक सिल्ट नहीं उठाई जा रही है।