महिला क्रिकेट टीम के फील्डिंग कोच अभय शर्मा को आगामी इंग्लैंड दौरे पर काफी मेहनत करनी होगी क्योंकि भारतीय खिलाड़ी विदेशी खिलाड़ियों की तरह फुर्तीले और मजबूत नहीं है। शर्मा ने अंडर-19 स्तर पर भारत के कई पुरुष खिलाड़ियों के साथ काम किया है। वह मार्च में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान पहली बार राष्ट्रीय महिला टीम के साथ जुड़े थे। उस सीरीज का आयोजन काफी कम समय में हुआ ऐसे में शर्मा को खिलाड़ियों के साथ काम करने का ज्यादा मौका नहीं मिला। वह 16 जून से शुरू होने वाले इंग्लैंड दौरे पर खिलाड़ियों के साथ व्यक्तिगत तौर पर काम करना चाहते हैं।
भारतीय टीम को इस दौरे पर इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट, तीन वनडे और इतने ही टी20 मैच खेलने हैं। शर्मा ने मुंबई में टीम के बायो बबल में प्रवेश करने के बाद पीटीआई-भाषा से कहा, “जहां तक फील्डिंग की बात है तो समग्र विकास की जरूरत है। खेल बदल रहा है, आपको अधिक फुर्तीला होना होगा। तकनीकी रूप से काम करने की जरूरत है। मैंने जो देखा वह यह है कि बहुत सी लड़कियां थ्रो करने की तकनीक से जूझ रही हैं। अगर आप अपने शुरुआती दिनों में गलत तकनीक विकसित कर लेते हैं तो यह आपको चोटों से परेशान करता है। एक बार जब तकनीक सही हो जाए तो आप ताकत बढ़ाने पर काम कर सकते हैं।”
शर्मा ने महसूस किया कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में विरोधी टीम की महिला खिलाड़ी भारतीयों की तुलना में मैदान में बहुत फुर्तीली थी। उन्होंने कहा, “इस बार मैं समूह के बजाय एक-एक कर के खिलाड़ियों के साथ बातचीत करूंगा और आकलन करूंगा कि वे खेल के बारे में क्या महसूस करती हैं। इसके बाद मैं उन्हें अपनी उम्मीदों पर खरा उतारने की कोशिश करूंगा। उन्हें तकनीकी पहलू पर काफी मेहनत करने की जरूरत है। खिलाड़ियों पर कार्यभार ज्यादा है लेकिन उनके कंधे उतने मजबूत नहीं है।”
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में भारतीय टीम 12 महीने के बाद मैदान पर उतरी थी। दक्षिण अफ्रीकी टीम ने आसानी से टी20 और एकदिवसीय सीरीज जीत ली। शर्मा ने कहा, ” हमें यह स्वीकार करना होगा कि विदेशी टीमों और हमारी लड़कियों (खिलाड़ियों) के बीच बहुत बड़ा अंतर है। दक्षिण अफ्रीकी लड़कियां अधिक फुर्तीली थीं, वे तेजी से दौड़ रही थी और शारीरिक रूप से मजबूत भी थी। उन्होंने कहा कि टीम को कैच पकड़ने और विकेटों के बीच दौड़ लगाने के मामले में काफी सुधार करना होगा।