हरियाणा पुलिस ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी कर्मचारियों पर कथित तौर पर हमला करने और पथराव करने के आरोप में 350 अज्ञात किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने गुरुवार को अर्बन एस्टेट थाने के प्रभारी निरीक्षक वीरेंद्र कुमार की शिकायत पर केस दर्ज किया है। मुख्यमंत्री ने पिछले सप्ताह हिसार में एक कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे थे।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 188, 307, 353 के तहत दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि रविवार को किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़प में पांच महिला अधिकारियों सहित 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। पुलिस ने किसानों के उस समूह को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और बल प्रयोग किया, जिन्होंने उस स्थान की ओर मार्च करने की कोशिश की, जहां मुख्यमंत्री खट्टर 16 मई को कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने गए थे।
बड़ी संख्या में किसान केंद्र के नए कृषि कानूनों का गत वर्ष नवंबर माह से विरोध कर रहे हैं और इसके तहत राज्य में भाजपा-जजपा नेताओं के सार्वजनिक कार्यक्रमों का विरोध कर रहे हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान में प्रदर्शनकारियों पर कथित हमले की निंदा की थी।
पुलिस ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि अस्पताल को तोड़फोड़ से बचाने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मजिस्ट्रेट के आदेश पर पहले आंसू गैस का इस्तेमाल और फिर हल्का बल प्रयोग किया गया था।
पुलिस ने यह भी कहा कि हालांकि रविवार शाम को हुई घटना के बाद किसान नेताओं और पुलिस के बीच एक बैठक हुई थी, लेकिन पुलिस महानिरीक्षक (हिसार रेंज) ने इसको लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया था कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी, जैसा कि कुछ किसान नेताओं द्वारा दावा किया जा रहा था।
पुलिस ने कहा कि रविवार को जब प्रदर्शनकारी एकत्र होने लगे थे, तो जिला पुलिस प्रमुख ने उन्हें बार-बार सूचित किया कि मुख्यमंत्री कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम स्थल से निकल चुके हैं, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने ध्यान नहीं दिया और आंदोलन जारी रखा। पुलिस ने कहा कि हालांकि कुछ वरिष्ठ किसान नेताओं ने कुछ युवा प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, जो आक्रामक हो गए थे, लेकिन उन्होंने नेताओं की एक नहीं सुनी।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि जब डीएसपी और अन्य पुलिस बल नवनिर्मित चौधरी देवी लाल संजीवनी अस्पताल के प्रवेश द्वार पर पहुंचे तो आंदोलनकारियों ने जिंदल पुल के पास तोड़फोड़ की और बैरिकेड तोड़ दिए। प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने कई बार पुलिस अधिकारियों को वाहनों और ट्रैक्टरों से टक्कर मारकर क्षतिग्रस्त करने की भी कोशिश की। पुलिस पर भारी पत्थर भी फेंके गए।
इस बीच, हरियाणा कांग्रेस नेता और आदमपुर विधायक कुलदीप बिश्नोई ने किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की निंदा की और पूरी घटना की न्यायिक जांच की मांग की है।
किसानों पर दर्ज मुकदमे वापिस ले सरकार : हुड्डा
हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मनोहर लाल खट्टर सरकार से किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हिसार में जिस तरह किसानों पर ज्यादती की गई, वो निंदनीय है। पुलिस की तरफ से बुजुर्ग किसानों और महिलाओं के खिलाफ भी बल प्रयोग किया गया। उनके ऊपर आंसू गैस के गोले और ईंट-पत्थर तक बरसाए गए। पुलिस की तरफ से की गई इस कार्रवाई में कई किसान घायल हुए हैं, लेकिन सरकार ने निष्पक्ष कार्रवाई करने के बजाय किसानों पर ही मुकदमे दर्ज कर दिए।
हुड्डा ने कहा कि कुछ समय पूर्व पुलिस प्रशासन और किसान नेताओं के बीच बैठक में समझौता हो चुका था और दोनों में इस बात पर सहमति बन गई थी कि दोनों तरफ से किसी पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके, सरकार ने वादाखिलाफी करते हुए किसानों पर गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किए।
हुड्डा ने कहा कि सरकार को टकराव से बचना चाहिए और सूझ-बूझ से काम लेते हुए किसानों पर दर्ज सभी केस फौरन वापस लेने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो हमारी सरकार बनने पर ये काम किया जाएगा।