राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को अपनी चार्जशीट दायर कर दी है। दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर विभिन्न व्यक्तियों के खिलाफ 38 मामले दर्ज किए गए हैं। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कथित रूप से पहले से तय मार्ग का पालन नहीं किया और दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड्स तोड़ दिए थे। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला करने के साथ ही राजधानी के कई हिस्सों में तोड़फोड़ की थी। इसके बाद वो लाल किले में भी घुस गए और प्राचीर से झंडे को उखाड़ दिया था, जिनमें से दीप सिद्धू मुख्य आरोपी है।
हिंसा में 500 से अधिक पुलिसकर्मी हुए थे घायल
गौरतलब है कि 26 जनवरी को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान अवरोधकों को तोड़ कर राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल हो गए थे और आईटीओ सहित अन्य स्थानों पर उनकी पुलिस कर्मियों से झड़पें हुई थीं। कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल किला पहुंच गए और ऐतिहासिक स्मारक में प्रवेश कर गए तथा उसकी प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया। इस हिंसा में 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जबकि एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी।
दिल्ली पुलिस ने इस हिंसा के सिलसिले में राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, राजिंदर सिंह, मेधा पाटकर, बूटा सिंह, दर्शन पाल और बलबीर सिंह राजेवाल समेत 37 किसान नेताओं के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के मामले में अब तक 152 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124 ए (राजद्रोह) के तहत मामला दर्ज किया है और पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू और गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना को मुख्य आरोपी बनाया है।