कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को राजधानी में सभी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को अपना ऑक्सीजन प्लांट लगाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने 100 या इससे अधिक बेड वाले सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को अपनी सामान्य जरूरतों से दो गुणा अधिक क्षमता का पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाने को कहा है, जबकि 50 से अधिक व 100 बेड से कम वाले अस्पतालों को अपनी नियमित जरूरतों के हिसाब से ऑक्सीजन प्लांट लगाने को निर्देश दिया है।
जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की बेंच ने कहा कि महामारी में मौजूदा लहर में ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ा और इसकी वजह से मरीजों की जान तक चली गई, ऐसे में इस कड़वे अनुभव से हमें सबक लेने की जरूरत है। बेंच ने कहा कि सभी बड़े अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाने का सबसे उपयुक्त समय आ गया है। बेंच ने कहा कि 100 या इससे अधिक बेड वाले सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन का अपना प्लांट होना जरूरी है।
बेंच ने कहा है कि ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता अस्पताल की समान्य जरूरतों से दो गुणा अधिक होनी चाहिए क्योंकि इससे बाहरी स्रोतों पर निर्भरता कम होगी। हाईकोर्ट ने 50 से अधिक और 100 बेड से कम वाले अस्पतालों को भी पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाने का आदेश दिया है। इन अस्पतालों को अपनी समान्य जरूरतों के हिसाब से प्लांट लगाने का आदेश दिया गया है।
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) को अस्पतालों के साथ पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के पहलू के बारे में बात करने और इस दिशा में समुचित कदम उठाने को कहा है। बेंच ने सरकार से इस बारे में अगली सुनवाई 27 मई तक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने कहा है।
बेंच ने कहा कि इस तरह की महामारी सदी में एक बार आती है और उम्मीद है जल्द ही देर-सबेर हम इसका अंत देखेंगे। हाईकोर्ट ने यह आदेश तब दिया जब केंद्र और दिल्ली सरकार ने पीएसए प्लांट लगाने के बारे में स्टेटस रिपोर्ट पेश की।