कैंसर से बचाव में मूली खासी मददगार साबित हो सकती है। द वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड (डब्ल्यूसीआरएफ) और अमेरिकन इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च के हालिया अध्ययन में यह दावा किया गया है। दरअसल, शोधकर्ताओं ने मूली में भारी मात्रा में ‘ग्लूकोसाइनोलेट’ और ‘आइसोथायोसाइनेट’ की मौजूदगी दर्ज की है।
ये दोनों ही यौगिक न सिर्फ कैंसर कोशिकाओं के विकास में बाधा डालते हैं, बल्कि उनके खात्मे की प्रक्रिया को भी गति प्रदान करते हैं। मूली ‘सिनिग्रिन’ नाम के एक एंटीऑक्सीडेंट से भी लैस होती है। यह एंटीऑक्सीडेंट फ्री-रैडिकल के उत्पादन पर लगाम लगाने में अहम भूमिका निभाता है।
मुख्य शोधकर्ता एडम चैपमैन के मुताबिक फ्री-रैडिकल स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। ये कोशिकाओं में अनियंत्रित विभाजन का भी सबब बनते हैं, जिससे ट्यूमर पनपने का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन में 500 प्रतिभागी शामिल हुए।
आधों की रोजमर्रा की डाइट में मूली शामिल की गई। वहीं, बाकियों को सामान्य खानपान जारी रखने की छूट की गई। चार महीने बाद नियमित रूप से मूली का सेवन करने वाले प्रतिभागियों में फ्री-रैडिकल के उत्पादन में भारी कमी देखी गई। इससे उनके आंत, फेफड़े और पेट के कैंसर का शिकार होने का जोखिम भी काफी हट तक घट गया।