नारदा स्टिंग मामले में ममता बनर्जी के मंत्रियों को कोर्ट से आज राहत नहीं मिल पाई है। टीएमसी नेता और सुब्रत मुखर्जी, फरहाद हकीम, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई अब कल दोपहर 2 बजे होगी। मामले की सुनवाई कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस अर्जित बनर्जी करेंगे। आज हुई सुनवाई में फरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और मदन मित्रा और शोभन चटर्जी की ओर से सिद्धार्थ लुथरा पेश हुए थे।
बता दें कि सीबीआई ने इस मामलों को बंगाल से बाहर स्थानांतरिक करने को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में एक याचिका लगाई है। इस याचिका में सीबीआई ने टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी का भी नाम लिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नारदा स्टिंग टेप मामले को राज्य से स्थानांतरित करने की मांग करने वाली सीबीआई द्वारा दायर एक याचिका में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक को पक्षकार बनाया गया है।
क्या है नारदा मामला?
नारदा टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक जैसी शक्ल के लोग लाभ के बदले में एक कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए थे। ये टेप 2016 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से महज कुछ पहले सार्वजनिक किये गये थे। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मार्च 2017 में इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।