कोरोना से उबरने वाले कई मरीजों के लिए वायरस को मात देना आधी जंग जीतने जैसा होता है। फेफड़ों सहित अन्य अंगों को पहुंचे नुकसान के चलते उन्हें स्वस्थ होने के महीनों बाद भी थकान, कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत सताती है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड से जिंदगी की जंग जीतने वाले रोगी सही खानपान अपनाकर, व्यायाम को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाकर और वायु प्रदूषण से दूर रहकर फेफड़ों की पुरानी मजबूती हासिल कर सकते हैं।
श्वास क्रियाओं का अभ्यास फायदेमंद
-श्वास क्रियाओं के अभ्यास से मांसपेशियां हरकत में आएंगी, फेफड़ों में खून और ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ेगा।
-पेट के बल लेटकर गहरी सांस भरना और छोड़ना भी फायदेमंद, प्राणायाम से भी सुधरती है फेफड़ों की सेहत।
-ऑक्सीजन के स्तर में उतार-चढ़ाव का सामना करने वाले व्यायाम के लिए ‘रेस्पिरोमीटर’ का भी सहारा ले सकते हैं।
फास्टफूड, तैलीय पकवानों से दूरी है जरूरी
-ब्लड शुगर में वृद्धि के साथ ही आंत में बैक्टीरिया का संतुलन बिगाड़ते हैं फास्टफूड व तैलीय पकवान, प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट का बनते हैं सबब, लिहाजा इनसे दूरी जरूरी।
-कोविड-19 से उबरने के बाद एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर लहसुन, हल्दी और ग्रीन-टी का सेवन बढ़ाएं, फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए खट्टे फल, गुड़ और काली मिर्च खाएं।
-डाइट में चुकंदर, टमाटर, बादाम, ब्लूबेरी भी शामिल करें, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर ये सामग्री फेफड़ों में सूजन की शिकायत दूर करती हैं, श्वास संक्रमण से भी बचाती हैं।