राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर से सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुट के बीच मतभेद उभर आए हैं। सचिन पायलट गुट के नेता हेमाराम चौधरी ने विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्य में मंत्री रहे और पूर्व नेता प्रतिपक्ष हेमाराम चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा स्पीकर को अपना इस्तीफा भेजा है। बाड़मेर की गुड़ामालानी विधानसभा सीट से छठी बार विधायक बने हेमाराम चौधरी के इस्तीफे से राज्य में राजनीतिक हलचल एक बार फिर से तेज हो गई है। विधायक पद से इस्तीफा भेजते हुए हेमाराम चौधरी ने अशोक गहलोत सरकार पर अपने विधानसभा क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाया है।
हेमाराम चौधरी ने कहा, ‘सरकार की दुश्मनी मुझसे है, लेकिन मेरे क्षेत्र की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं होती। कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ूंगा।’ इससे पहले हेमाराम चौधरी ने 14 फरवरी 2019 को भी इस्तीफा दिया था, लेकिन स्पीकर ने स्वीकार नहीं किया था। अब एक बार फिर से उनके इस्तीफे ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के बीच दरार को बढ़ा दिया है। उनकी ओर से विधानसभा अध्यक्ष को भेजा गया इस्तीफा सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। राज्य के सीनियर नेताओं में से एक हेमाराम चौधरी को इस बार गहलोत कैबिनेट में जगह नहीं मिली थी। पहले की सरकारों में मंत्री रहे चौधरी के कैबिनेट से बाहर रहने को लेकर सवाल खड़े हुए थे।
हेमाराम चौधरी अपनी ही गहलोत सरकार पर क्षेत्र में विकास कार्यों में भेदभाव करने का आरोप भी लगाते रहे हैं। पिछले दिनों विधानसभा में भी चौधरी ने खुलकर अपनी ही सरकार पर निशाने साधे थे। चौधरी ने कहा था कि उनके क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। बीते दिनों राजस्थान विधानसभा में बोलते हुए चौधरी के मन में दबी पीड़ा पूरी तरह से उजागर हुई थी। हेमाराम चौधरी ने कहा था कि दुश्मनी निकालनी है तो मेरे से निकालो, क्षेत्र की जनता को परेशान मत करो। चौधरी ने उनके विधानसभा क्षेत्र से अधिकारियों को हटाने लगाने को लेकर भी नाराजगी जताई थी। उनकी ताजा नाराजगी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर भर्ती से जुड़ी बताई जा रही है।