पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले साल का अप्रैल ही वह महीना था, जब चीन ने चालबाजी दिखानी शुरू की थी। हालांकि, कई दौर की बैठकों के बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने समझौते के तहत कई इलाकों से डिस-एंगेजमेंट जरूर किया, लेकिन एक बार फिर से सीमा के पास हरकत शुरू हो गई है। दरअसल, चीनी सेना पूर्वी लद्दाख के डेप्थ इलाकों में अपनी ओर सैन्य अभ्यास कर रही है। इस अभ्यास को देखते ही भारतीय सेना भी पूरी तरह से अलर्ट हो गई है और किसी भी हरकत का जवाब देने को तैयार है।
‘कई सालों से इन इलाकों में कर रहे अभ्यास’
सूत्रों ने बताया, “चीनी कई सालों से इन इलाकों में आ रहे हैं, जहां वे गर्मी के समय में अभ्यास करते हैं। पिछले साल भी, वे अभ्यास की आड़ में इन क्षेत्रों में आए थे और यहां से पूर्वी लद्दाख की ओर आक्रामक रूप से चले गए थे।” उन्होंने आगे बताया कि चीनी सैनिक अपने पारंपरिक इलाकों में हैं और कुछ स्थानों में वे 100 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि यह बात काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पैंगोंग क्षेत्र के दोनों ओर से पीछे हटने के बाद हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा हाइट्स को लेकर चीनी पक्ष से लगातार बातचीत चल रही है।
भारतीय सेना ने की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा
भारतीय पक्ष ने भी पूर्वी लद्दाख और अन्य सेक्टरों में फॉरवर्ड इलाकों में गर्मियों के समय में सैनिकों की तैनाती देखी है। इसके बाद, मोर्चे पर तैनात सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हाल में अग्रिम इलाकों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की है और वहां की स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं। लद्दाख में भारतीय पक्ष द्वारा तैनात बलों में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना शामिल हैं, जो अब सेक्टर में सबसे आगे हैं। बता दें कि चीनी अपने पारंपरिक अभ्यास क्षेत्रों से हटने के बाद पूर्वी मोर्चे पर आ गए थे और तब से दोनों पक्षों के बीच सैन्य गतिरोध जारी है।
अपने इलाकों में बना रहे बंकर्स
सूत्रों का कहना है कि उम्मीद थी कि चीनी अपने वास्तविक लोकेशन पर वापस चले जाएंगे, लेकिन वे फॉरवर्ड इलाकों पर ही रुके रहे। वे अपने क्षेत्र में बंकरों का निर्माण करते देखे गए हैं और अपने ढांचे को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर भारत ने भी अपनी स्थिति मजबूत कर ली है और अपने सैनिकों को वहां लंबी दौड़ के लिए तैयार कर लिया है। अतिरिक्त बलों की तैनाती और रोटेशन भी जारी है। भारतीय और चीनी, दोनों सेनाओं के पास पिछले साल से सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिक तैनात हैं।
कई दौर की बैठक के बाद चीनी सेना गई थी पीछे
मालूम हो कि कई दौर की बैठक के बाद भारतीय सेना को पैंगोंग सो के दोनों इलाकों से चीनी सैनिकों को पीछे खदेड़ने में सफलता हासिल हुई थी। भारतीय जवानों ने अगस्त महीने के आखिर में ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद चीनी पक्ष की तुलना में भारत को बढ़त हासिल हो गई थी। दोनों सेनाओं के बीच में पूर्वी लद्दाख के गोगरा समेत अन्य इलाकों से डिस-एंगेजमेंट को लेकर बातचीत का दौर जारी है। चीनी सेना से भारत लगातार मांग करता आया है कि वह गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और डेप्सांग के इलाकों से पीछे हटे। वहीं, इस मद्देनजर भारत भी पूरी तरह से हर हरकत पर नजर बनाए हुए हैं और उन इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की हुई है।