बिहार के ठग बंगाल के मोबाइल नंबरों से पूरे देश के कोविड-19 से परेशान लोगों के परिजनों को चूना लगा रहे हैं। जरूरतमंदों को आईसीयू, ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर व अन्य दवाओं के साथ ही अस्पतालों में भर्ती कराने के नाम पर रुपये ऐंठ रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली साइबर सेल ने 900 संदिग्ध नंबरों को ब्लॉक किया है। इनमें 359 नंबर बंगाल के हैं। बाकी, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, यूपी, असम, ओडिशाव दिल्ली एनसीआर के। ब्लॉक होने वाले नंबरों में 40% सिम सिर्फ बंगाल से जारी हैं। दूसरी ओर, इन 70% सिम का लोकेशन नालंदा, नवादा, शेखपुरा के साथ ही झारखंड के जामताड़ा का बताया जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगी के 372 मामले दर्ज किये हैं। 92 लोगों की गिरफ्तारी की है।
एक हफ्ते में महज नालंदा, नवादा व शेखपुरा से दर्जनभर लोग दबोचे गये हैं। ठगी में इस्तेमाल 98 डिवाइस अपराधियों के पास से जब्त किये गये हैं। संदेहास्पद लेनदेन के आरोप में 230 बैंक खाते सीज किये जा चुके हैं। ट्रूकॉलर में 175 मोबाइल नंबर कोविड-19 हेल्पलाइन के रूप दिखता है। इसका फैलाव फर्जी विज्ञापनों के जरिये हो रहा है।
दिल्ली की चार सदस्यीय टीम ने दर्जनभर युवाओं को उठाया
दिल्ली क्राइम ब्रांच की चार सदस्यीय टीम एक हफ्ते से नालंदा, नवादा, शेखपुरा व पटना जिलों के डेढ़ दर्जन ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। मास्टरमाइंड की तलाश जारी है। टीम ने तीन दर्जन से अधिक लोगों को दबोचा है, पर पूछताछ के बाद शेष को छोड़ दिया गया। नई दिल्ली के द्वारिका विहार निवासी शरद चंद्रन ने चार मई को एफआईआर करायी थी कि उनसे ऑक्सीजन के दो सिलेंडर के नाम पर 23 हजार 950 रुपये की ठगी की गयी। टीम लीडर योगेन्द्र सिंह ने तहकीकात शुरू की। इसी क्रम में मामले का कनेक्शन नालंदा से जुड़ा। रोहित चौधरी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम नालंदा आई। सबसे पहले इस्लामपुर व कतरीसराय टीम गई।