पाकिस्तान में पायलटों की परीक्षा और नियुक्ति में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की बात सामने आई है। नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) ने पायलट परीक्षाओं की प्रक्रिया में कुप्रबंधन, अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के जाल का खुलासा करते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक जांच रिपोर्ट पेश की है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) ने लगभग 30 पायलटों को गलत जानकारी दी थी, जबकि कई पायलट किसी और को परीक्षा देने के लिए भेजते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच के दौरान यह पाया गया कि दो पायलट तो पाकिस्तान में मौजूद ही नहीं है। बाकी 28 पायलटों ने वीकली ऑफ के दिन टेस्ट पास किया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पायलटों को परीक्षा प्रणाली में अवैध प्रवेश देकर भ्रष्टाचार में शामिल दो वरिष्ठ संयुक्त निदेशकों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने भी उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए हैं।
सीएए ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि धोखाधड़ी में शामिल होने के कारण 54 में से कम से कम 32 पायलटों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, यह मुद्दा पिछले साल 22 मई को कराची में पीआईए विमान दुर्घटना के बाद सामने आया था, जिसमें 97 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई थी। हादसे की वजह ‘ह्यूमन एरर’ बताई गई। बाद में जून में पता चला कि 262 पायलटों के पास फर्जी लाइसेंस थे।
उड्डयन मंत्री गुलाम सरवर ने 22 जून, 2020 को नेशनल असेंबली को बताया था, “मेरिट की अनदेखी करते हुए फर्जी डिग्री वाले लोगों को राजनीतिक आधार पर नियुक्त किया गया था।”