मध्य-पूर्व संघर्ष पर इस्राइल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों की कोरोना कर्फ्यू के दौरान गिरफ्तारी की पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को ट्विटर पर आलोचना की। उन्होंने कहा कि फलस्तीन पर इस्राइल द्वारा की जा रही कार्रवाई के खिलाफ जब पूरी दुनिया में लोगों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। ऐसे में एक धार्मिक नेता और आम लोगों को सिर्फ फलस्तीनियों के पक्ष में समर्थन जताने पर गिरफ्तार किया जाना उचित नहीं हैं।
पुलिस ने शनिवार को श्रीनगर और शोपियां जिलों में कोरोना कर्फ्यू के दौरान फलस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करने पर 21 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले पुलिस ने ईद के दिन कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में दक्षिण कश्मीर के एक धार्मिक उपदेशक सरजन बरकती को भी गिरफ्तार किया है।
बरकती ने फलस्तीन के लोगों के प्रति समर्थन व्यक्त किया था। पीडीपी नेता ने आरोप लगाया कि कश्मीर एक खुली जेल है और यहां आप अपनी राय भी नहीं रख सकते। पीडीपी अध्यक्ष ने दिवंगत अलगाववादी नेता मोहम्मद अशरफ सेहराई के दो बेटों को हिरासत में लिए जाने का जिक्त्रस् करते हुए कहा कि जन सुरक्षा कानून (पीएसए) कश्मीर में केंद्र की हर समस्या का समाधान है।
अधिकारियों ने बताया कि अलगाववादी नेता के अंतिम संस्कार में आजादी के समर्थन में नारे लगाने के बाद छह मई को कुपवाड़ा जिले में पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले के सिलसिले में दोनों को श्रीनगर के बरजुल्ला इलाके में उनके आवास से शनिवार देर शाम हिरासत में लिया गया।