यूपी के गाजीपुर से लेकर बिहार के बक्सर के बाद भोजपुर जिले में भी गंगा नदी में चार-पांच शव दिखे तो आम जन से लेकर शासन-प्रशासन तक में हड़कंप मच गया। शुक्रवार को बड़हरा प्रखंड के सिन्हा गंगा नदी घाट पर शवों के तैरने की सूचना जब प्रशासन के कानों तक पहुंची तो अफसरों के होश उड़ गये। आनन-फानन में प्रशासन व पुलिस के वरीय अधिकारियों की टीम सिन्हा घाट पर मेडिकल टीम के साथ पहुंच गई।
गंगा नदी में दो नावों को उतारा गया और शवों की खोजबीन शुरू कर दी गई। कुछ देर की तलाशी के बाद तीन शवों को नदी से निकाला गया, जिनमें एक महिला व दो पुरुष के शव थे। तीनों शवों को बाहर निकालने के बाद मेडिकल टीम ने परीक्षण किया। शवों का पोस्टमार्टम नहीं होने की हालत में उसका बिसरा सुरक्षित रख लिया गया। इसके बाद जेसीबी से गड्ढा खोदकर तीनों शवों को दफन कर दिया गया।
अन्य शवों की तलाश के लिए क्षेत्र में नाव से लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी स्थल पर उपस्थित है ताकि सारी सावधानियां बरतते हुए नदी से मिलने वाले शवों का डिस्पोजल कराया जा सके।
वीडियो से सामने आया शव तैरने का सच
जिले के बड़हरा थाना क्षेत्र के सिन्हा घाट पर गंगा नदी के किनारे लगे शवों को बांस के सहारे बीच धार में बहाने का वीडियो सामने आया। तभी यह सच उजागर हुआ। जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह अक्षय तृतीया के अवसर पर गंगा स्नान करने व बाल मुंडन संस्कार के लिए सिन्हा गंगा नदी के घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी थी।
इसी क्रम में गंगा के किनारे चार-पांच शवों को लोगों ने देखा। शव देखते ही वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। कुछ देर बाद एक नाव में नाविक के अलावा एक व्यक्ति बांस लेकर पहुंचा। वह किनारे लगे शवों को बीच धारा में बहाने की कोशिश में जुट गया। इस दौरान एक-दो पुलिसकर्मी भी घाट पर मौजूद थे। इस बीच इसका वीडियो बना लिया गया। वीडियो डीएम के पास भी पहुंचा, जिसके बाद प्रशासनिक कार्रवाई शुरू हुई।
डीएम को हुई जानकारी तो दल-बल के साथ अफसरों को किया रवाना
सिन्हा घाट पर गंगा नदी में चार-पांच शवों का वीडियो देख डीएम रोशन कुशवाहा को पूरे मामले की जानकारी हुई, तो उन्होंने दल-बल के साथ अफसरों को रवाना कर दिया। एसडीओ वैभव श्रीवास्तव के नेतृत्व में एसडीपीओ पंकज रावत, बीडीओ जयवर्धन गुप्ता, सीओ रामबचन राम, कृष्णगढ़ थाना प्रभारी अरविंद कुमार, ख्वासपुर ओपी प्रभारी नागेंद्र कुमार व सिन्हा ओपी के वर्तमान प्रभारी केके चौधरी मौके पर उपस्थित थे। शुरू में तो अधिकारियों ने घाट पर भीड़-भाड़ व शव होने से इनकार किया लेकिन बाद में गंगा में शवों को ढ़ूंढा जाने लगा तो एक-एक कर शव मिले।
पहले कुछ नहीं मिला, हुई सघन तलाशी तो मिले तीन शव
सिन्हा घाट पर जब अफसर दल-बल के साथ पहुंचे तो शुरू में तो कोई शव नहीं मिला। अफसरों ने यहां तक कहा कि हो सकता है कि जानवर को शव हो, क्योंकि वीडियो में साफ नहीं दिख रहा है। हालांकि वीडियो बनाने वाले एक पंचायत प्रतिनिधि से प्रशासन ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा एक शव पर सलवार नजर आ रही थी और दूसरे पर जिंस पैंट। इससे साफ है कि महिला व पुरुष के शव थे, न कि किसी जानवर के। इसके बाद सघन जांच के लिए गंगा नदी में उस पूरे क्षेत्र में दो नावों से शवों की खोजबीन की जाने लगी। जब नदी में चारों तरफ घंटों खोजबीन की गई तो आखिरकार शवों के नदी में तैरने का सच सामने आ ही गया। एक के बाद एक कर तीन शवों को नाविकों ने नदी से निकाला।
शवों पर जलाने का भी निशान नहीं, कहीं कोरोना से मौत तो नहीं
अधिक दिनों से पानी के अंदर रहने के कारण पानी से बरामद तीनों शव काफी फूल चुके थे। साथ ही शवों को जलाये जाने का कोई निशान नहीं मिला है। इससे जाहिर है कि इन्हें बिना जलाये ही प्रवाहित किया गया है। प्रशासन को पहली नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि शव नदी में पीछे के क्षेत्रों से बहकर आया था।
वहीं कोरोना से मौत के बाद शवों को गंगा में बहाये जाने की चौतरफा चर्चा है। हालांकि इसकी पुष्टि कहीं से नहीं की गई है। चर्चा के अनुसार मौत के बाद शवों को पीछे के किसी इलाके से बहा दिया गया है, जो पानी में बहते हुए जिले के बड़हरा थाना क्षेत्र के सिन्हा घाट पर पहुंच गये थे। पूरे क्षेत्र में शवों के मिलने से दहशत व्याप्त है। लोगों के बीच कोरोना से मौत की चर्चा आम रही।