पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के हालात का जायजा लेने और प्रभावित लोगों से मिलने के लिए शुक्रवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ असम के अगोमानी इलाके पहुंचे, जहां पीड़ित उनसे लिपटकर रोना लगा। राज्यपाल जगदीप धनखड़ अगोमानी इलाके के रनपगली कैंप में हिंसा से प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा जताया।
समाचार एजेंसी एएनआई ने कुछ तस्वीरों को साझा किया है, जिसमें बड़ी संख्या में हिंसा से प्रभावित पीड़ित दिख रहे हैं। एक तस्वीर में बुजुर्ग राज्यपाल से लिपटकर रोता दिख रहा है और जगदीप उन्हें सांत्वना देते दिख रहे हैं। बता दें कि इससे एक दिन पहले गुरुवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ हिंसा के हालात का जायजा लेने और प्रभावित लोगों से मिलने के लिए कूच बिहार के सीतल कूची पहुंचे थे। यहां उन्हें काले झंडे दिखाए गए वहीं दिनहाटा में ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए गए।चुनाव बाद हिंसा से प्रभावित जिले के विवादित दौरे पर गए राज्यपाल धनखड़ ने दिन में कहा था कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुए हमलों से वह सकते में हैं। उन्होंने कहा, ‘देश कोविड की चुनौती से जूझ रहा है तथा पश्चिम बंगाल को महामारी और चुनाव बाद हुई हिंसा की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। उनके अनुसार यह हिंसा केवल इस आधार पर हो रही है क्योंकि कुछ लोगों ने अपनी मर्जी से वोट डालने का फैसला लिया।’
गौरतलब है कि राज्य में हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों के दौरान सीतलकूची में केन्द्रीय बलों की गोलीबारी में चार ग्रामीणों की मौत हो गई थी। राज्यपाल के इस दौरे को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके बीच लंबा वाक युद्ध हुआ। मुख्यमंत्री ने बुधवार को चिट्ठी लिखकर दावा किया कि यह तय परंपरा का उल्लंघन है क्योंकि यह राज्य सरकार के साथ सलाह किए बगैर हो रहा है। बनर्जी ने दावा किया कि राज्यपाल मंत्रिपरिषद को नजरअंदाज कर रहे हैं और सीधे-सीधे राज्य के अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं जोकि संविधान का उल्लंघन है।
वहीं, दिनहाटा में दौरे पर धनखड़ उत्तेजित हो अपनी कार से बाहर आ गए और उन्होंने नारेबाजी कर रहे लोगों को कथित रूप से नहीं रोकने के लिए पुलिस अधिकारियों को डांट लगायी। दिनहाटा में करीब 15 लोग पोस्टरों के साथ मौजूद थे और भाजपा के राज्यपाल वापस जाओ का नारा लगा रहे थे।
राज्यपाल ने पत्रकारों से कहा, ‘मैं सकते में हूं, विधि का शासन पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है, मैं सपने में भी नहीं सोच सकता था कि ऐसा कुछ हो सकता है।’ पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को मौके से भगाया। चुनाव बाद हिंसा से प्रभावित लोगों से बातचीत के बाद धनखड़ ने कहा, ‘मैंने लोगों की आंखों में डर देखा है और वे थाने जाकर शिकायत करने से भी डर रहे हैं।’
राज्यपाल माथाभंग, सीतलकूची, सिताई और दिनहाटा गए और दो मई को चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के हाथों हमले/हिंसा झेलने का दावा करने वालों से बातचीत की। इन चारों जगहों पर कई परिवारों से मिलने के बाद धनखड़ ने कहा, ”घर लूट लिए गए हैं, बेटी के ब्याह के लिए रखे गए गहने, श्राद्ध के लिए रखे बर्तन और अन्य चीजें भी लूट ली गयी हैं।’