बिहार में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण के सबसे अधिक शिकार 20 से 39 साल के नौजवान हुए हैं। इस आयु वर्ग के कुल 43.4 फसदी युवा अब तब संक्रमण की चपेट में आए हैं। 1 अप्रैल से अबतक कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले व्यक्तियों में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। संक्रमित होने वालों में 25.4 फीसदी 20 से 29 साल के हैं। वहीं, दूसरे स्थान पर संक्रमित होने वालों में 30 से 39 साल के हैं। कुल संक्रमितों में इनका प्रतिशत 18 है। सबसे कम 4.4 प्रतिशत 0 से 9 साल के बच्चे संक्रमित हुए हैं।
राज्य में कोरोना संक्रमितों में 25.7 फीसदी 40 से 59 साल के हैं। इनमें 40 से 49 साल के 14.4 फीसदी, जबकि 50 से 59 साल के 11.3 फीसदी व्यक्ति संक्रमितों में शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार राज्य में अबतक मिले कोरोना संक्रमितों में 60 वर्ष से अधिक की उम्र के 14.4 फीसदी व्यक्ति शामिल हैं । 18 से 44 वर्ष के युवाओं के वैक्सिनेशन की पहल सरकार ने शुरू कर दी है। साथ ही, युवाओं के कोरोना जांच का दायरा भी बढ़ाया गया है।
कोविड केयर हॉस्पिटल के तौर पर घोषित एनएमसीएच, पटना के कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. अजय सिन्हा के अनुसार नौजवानों में संक्रमण के सबसे अधिक प्रसार के दो कारण हैं। पहला, इनका अब तक टीकाकरण नहीं होना है। इनको टीका देने का काम अब शुरू हुआ है। दूसरा सबसे प्रमुख कारण मानव व्यवहार है। नौजवानों ने हमेशा की तरह कोरोना के दिशा निर्देशों के पालन में चूक की है। बिना मास्क के कहीं निकलना, हाथों को समय समय पर सेनेटाइज नहीं करना सहित अन्य लापरवाही इसमें शामिल हैं। वे आइसोलेशन में रहने को भी जल्दी तैयार नहीं होते हैं।
पिछले वर्ष भी युवा अधिक हुए थे संक्रमित
कोरोना की पहली लहर में भी युवाओं में संक्रमण अधिक था। हालांकि उसके कई अन्य कारण भी थे। तब जांच की सुविधा भी बड़े स्तर पर आरंभ में नहीं थी।