पश्चिम बंगाल में दलितों पर अत्याचार की शिकायतों के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने कहा है कि इसके अध्यक्ष विजय सांपला दो दिनों के लिए राज्य के दौरे पर जाएंगे। ममता सरकार की आपत्तियों के बावजूद एनसीएससी के चेयरमैन 13 और 14 मई को खुद बंगाल में रहेंगे और दलितों पर अत्याचार की शिकायतों की जांच करेंगे।
एनसीएससी की ओर से बुधवार को कहा गया, ”पश्चिम बंगाल में दलितों पर अत्याचार की शिकायतों को देखते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला 13-14 मई को पश्चिम बंगाल जाएंगे। इससे पहले ममता बनर्जी की सरकार ने आयोग से अपना दौरा रद्द करे की अपील की थी।
पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में चुनाव बाद दलितों के साथ अत्याचार के मामलों की जांच के लिए नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल कास्ट (एनसीएससी) को अपना दौरा रद्द करने को कहा है। सरकार ने इसके लिए कोरोना प्रोटोकॉल का हवाला दिया है। वहीं, एनसीएससी का दावा है कि उसे 2 मई से अब तक राज्य में दलितों पर हो रहे जुल्म को लेकर कई शिकायती चिट्ठियां मिली हैं। एनसीएससी पिछड़े वर्ग को शोषण से बचाने के लिए बनाई गई संवैधानिक संस्था है। सूत्र ने बताया कि एनसीएससी 13 और 14 मई को राज्य का दौरा कर पूर्वी बर्धमान और 24 परगना जिलों में दलितों पर हो रहे अत्याचार के मामलों की जांच करेगी। इसके अलावा एनसीएससी चीफ राज्य के चीफ सेक्रटरी और डीजीपी से भी मुलाकात कर सकते हैं।
11 मई को एनसीएससी को लिखी चिट्ठी में पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रटरी ने कहा था कि कमीशन हिंसा को लेकर मिली शिकायती चिट्ठियां डीजीपी को भेजे। इसके लिए हाई कोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया। हालांकि, इस पर कमीशन ने जवाब दिया कि घटनास्थल पर जाना उनके अधिकारक्षेत्र में है। हालांकि, इसके तुरंत बाद 11 मई को ही पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से आयोग को एक और चिट्ठी भेजी गई जिसमें उनसे महामारी के समय में इस दौरे को लेकर फिर से विचार करने को कहा गया।