स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के बाद भी अस्पताल वाले बगैर कोविड रिपोर्ट के मरीज को भर्ती नहीं कर रहे। इलाज के अभाव में मरीजों की मौत हो जा रही है। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के शिवली की रहने वाली ऊषा ओमर (50) की भी इलाज न मिलने से मौत हो गई। पति मंगला चरण ओमर ने बताया कि पत्नी को सांस लेने में तकलीफ थी।
बुखार और खांसी भी आ रही थी। आरटीपीसीआर जांच कराई थी, लेकिन तीन दिन हो गए रिपोर्ट नहीं आई है। सोमवार सुबह तबीयत ज्यादा खराब हुई तो मंधना और कल्याणपुर के कोविड अस्पतालों में गए लेकिन किसी ने बगैर रिपोर्ट भर्ती नहीं किया। हैलट लेकर आए, यहां इलाज शुरू तो हो गया लेकिन बहुत देर हो चुकी थी।
दो माह के मासूम की सांस फूली, अस्पताल वाले मांग रहे रिपोर्ट
सर्वोदय नगर के रहने वाले मनमोहन गुप्ता के दो माह के बेटे को डायरिया, सांस फूलने और फेफड़ों में संक्रमण की शिकायत है। सोमवार को पत्नी निशा के साथ बेटे को लेकर हैलट पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया। पत्नी ने बताया कि बेटे की तकलीफ देखी नहीं जा रही थी और निजी अस्पताल वाले बहुत पैसे मांग रहे थे। साथ ही बगैर रिपोर्ट भर्ती करने को भी तैयार नहीं थे। ऐसे में यहां लेकर आए हैं। बेटा ठीक हो जाए बस और कुछ नहीं चाहिए।
प्राइवेट वाले पहले पैसे जमा करने को बोल रहे
हैलट इमरजेंसी के बाहर खड़े नवाबगंज निवासी जॉन लिंडसे ने अपनी पत्नी पुष्पा को सांस लेने में तकलीफ गुर्दे की समस्या होने पर यहां भर्ती कराया है। बताया कि इससे पहले कई प्राइवेट अस्पताल गए, सब एडवांस पैसा मांग रहे हैं। मरीज की जिंदगी की भी कोई गारंटी नहीं।