यूपी पंचायत चुनाव में मतगणना के बाद आए रिजल्ट ने सभी को चौंका रखा है। प्रदेश के कई जिलों में प्रत्याशियों ने नया रिकॉर्ड बनाया है। हालांकि कुछ ऐसे भी प्रत्याशी थे जिनकी मृत्यु के बाद जीत की घोषणा हुई। किसी ने वर्षों से प्रधानी संभाली थी तो किसी के परिवार में चार-चार प्रत्याशी जीतकर आए। लेकिन क्या आपको पता है कि एक परिवार ऐसा भी है जो आजादी के बाद से एक ही परिवार को प्रधानी संभालने का मौका मिला है, या फिर यूं कहें कि इस परिवार से अब तक प्रधानी गई ही नहीं।
यह परिवार है यूपी के शाहजहांपुर जिले के विकासखंड खुदागंज का। इस ब्लॉक के गांव पहाड़ीपुर भूपत में आजादी के बाद से एक ही परिवार में प्रधानी रही। आजादी के बाद सबसे पहले किशन लाल गंगवार वैध इस ग्राम पंचायत से प्रधान रहे। वर्ष 1965 में उनके पुत्र विश्वमित्र गंगवार प्रधान चुने गए। बाद में विश्वमित्र गंगवार के पुत्र यज्ञ देव गंगवार वर्ष 1989 से 1995 तक प्रधान रहे, जिसके बाद वर्ष 2000 में गांव के ही राजेंद्र गंगवार प्रधान चुन लिए गए। 5 वर्ष कार्यकाल पूरा होने के बाद पुनः2005 से 2021 तक सुधीर गंगवार की मां यज्ञ देव गंगवार की पत्नी महादेवी गंगवार इस ग्राम पंचायत से प्रधान पद पर काबिज रहीं। इस बार सुधीर कुमार गंगवार की पत्नी रूबी गंगवार ने 261 मत से जीत दर्ज की।
लखौहा गांव से 576 वोट पाकर सुधीर हुए विजयी
तिलहर। ग्राम पंचायत लखोहा में 576 वोट पाकर युवा प्रत्याशी सुधीर कुमार गंगवार ने जीत हासिल की। गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में सुधीर कुमार गंगवार शुरू से ही समाज सेवा के रूप में चर्चित रहे हैं। सुधीर कुमार गंगवार ने कहा कि गांव के मतदाताओं ने जो उन पर विश्वास दिखाते हुए उन्हें बड़ी जीत दिलाई है उसका कर्ज वह गांव का विकास कर आकर उतारेंगे। उन्होंने कहा कि गांव का विकास होगा और गांव के प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान होगा। प्रधान पद का चुनाव जीतने के बाद गांव के लोगों ने उनका स्वागत किया।