भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गोपनीय बैठकों का विवरण सार्वजनिक वाले और प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले मुख्यमंत्रियों के खिलाफ आक्रामक होने का फैसला किया है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ट्वीट, जिसमें उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने फोन पर सिर्फ ‘मन की बात’ की, के बाद जवाबी हमले के रूप में यह फैसला किया है।
भाजपा के सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में यह दूसरी बार जब बातचीत के दौरान चर्चा में आए मुद्दों का राजनीतिकरण करने के इरादे से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच कॉल का विवरण सार्वजनिक किया गया है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों का उपयोग सही जानकारी का प्रसार करने और इस तरह की उच्च स्तरीय बैठकों के राजनीतिकरण के किसी भी प्रयास का जवाब देने के लिए करेगी।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी के के साथ हुई वर्चुअल बैठक का लाइव टेलिकास्ट कर दिया था।”
बीएल संतोष ने हेमंत सोरेन को घेरा
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने पीएम मोदी के साथ उनकी टेलीफोनिक बातचीत के बारे में झारखंड के सीएम द्वारा बताए गए विवरण की निंदा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। संतोष ने ट्वीट किया, “यह वह स्तर है, जिस पर कुछ राजनेता रुक रहे हैं। पीएम ने कॉल किया और COVID-19 संकट के बारे में विस्तृत बातचीत की और इस सीएम ने ऐसा ट्वीट किया। उनके पास अपने पद के लिए आवश्यक न्यूनतम अनुग्रह की कमी है।’
‘इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हिंदी में ट्वीट किया था, “प्रधानमंत्री ने आज फोन किया। उन्होंने बातचीत के दौरान केवल ‘मन की बात’ की।”
मिजोरम के मुख्यमंत्री ने भी की हेमंत सोरेन की निंदा
मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा और नागालैंड के मुख्यमंत्री नीफिउ रियो ने सोरेन की इस राजनीति के लिए आलोचना की। रियो ने ट्वीट किया, “कई कार्यकालों के लिए एक मुख्यमंत्री के रूप में मेरे अनुभव में, पीएम मोदी हमेशा राज्यों की चिंताओं के प्रति संवेदनशील रहे हैं, विशेष रूप से पूर्वोत्तर के लोगों के लिए। मैं झारखंड के सीएम से असहमत हूं और उम्मीद करता हूं कि वह अपने बयान से मुकर जाएंगे।”
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सीएम सोरेन को सलाह देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। उन्होंने कहा कि वे महामारी से निपटने के लिए ध्यान दें और ऐसी क्षुद्र राजनीति न करें जो राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कद को कम कर सके।