आयुर्वेद में पुदीने को संजीवनी बूटी कहा गया है, क्योंकि स्वाद, सौन्दर्य और सुगंध का ऐसा संगम बहुत कम पौधों में देखने को मिलता है। इस पौधे की आयु बहुत लंबी होती है। पुदीना एक बारहमासी यानि 12 महीनों तक कभी भी यूज किए जाने वाली खुशबूदार जड़ी है। पिपरमिंट और पुदीना एक ही जाति के होने पर भी अलग-अलग प्रजातियों के पौधे हैं। आइए जानते हैं सेहत संबंधी इसके फायदों के बारे में…
दांतों का दर्द
पुदीने की दो-चार पत्तियों को रोज चबाने से दांतों का दर्द, पायरिया और मसूढों से खून निकलने की परेशानी दूर हो जाती है।
मुंह की बदबू
मुंह से बदबू आ रही हो तो एक गिलास पानी में पुदीने की 4-5 पत्तियां उबाल कर पानी को ठंड़ा करने के लिए फ्रिज में रख दें। इससे कुल्ला करने से मुंह की बदबू दूर हो जाती है।
गैस की परेशानी
चेहरे पर पिंपल हो गए हो या पेट में गैस की परेशानी हो तो पुदीने की चाय पीने से फायदा मिलता है।
चेहरे की झाइयां
पुदीने की पत्तियों के लेप को पानी में डालकर भाप लेने से चेहरे की झाइयां दूर हो जाती हैं।
थकावट
थकावट महसूस होने पर पानी में पुदीने का तेल डालकर उसमें पैर डाल लें, इससे आपको जल्द आराम मिल जाएगा।
हिचकी
पुदीने के रस को शहद में मिलाकर चाटने से हिचकी दूर हो जाती है।
खांसी
यदि आप बदलते मौसम में खांसी से परेशान हैं तो पुदीने की चाय में 2 चुटकी नमक मिलाकर पीने से राहत मिलती है।
दर्द से मिलेगी राहत
पेट दर्द होने पर अदरक और पुदीने के लस में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर दिन में कई बार चाटने से दर्द दूर हो जाता है। इतना ही नहीं गैस दूर करने और गठिया की समस्या में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।