मध्य प्रदेश के आगर जिले में कोरोना काल में संतरे के बगीचे को अस्पताल में तब्दील करने का मामला सामने आया है। दरअसल एक झोलाछाप डॉक्टर संतरे के बाग में ही मरीजों को लिटाकर इलाज कर रहा था और उन्हें ग्लूकोज भी चढ़ा रहा था। इस मामले की खबर मिलने पर अधिकारी जब मौके पर पहुंचे तो डॉक्टर मौके से फरार हो गया। मौके पर पहुंचे अफसरों की टीम को सिर्फ पेड़ों के सहारे बोतलें ही टंगी मिली हैं। इस घटना का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। अफसरों को मौके से सीरिंज और दवाइयों के पत्ते अधजली अवस्था में मिले हैं।
अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीणों में कोरोना को लेकर डर व्याप्त है। इसके चलते लोग सरकारी अस्पातालों में जाने से बच रहे हैं। उन्हें डर है कि यदि वे अस्पताल का रुख करेंगे तो उन्हें कोरोना मरीज बताकर भर्ती कर लिया जाएगा। इसी डर से लोग झोलाछाप डॉक्टर से ही इलाज के लिए रुख कर रहे हैं। कोरोना के इस दौर में खुली जगह को अस्पताल में तब्दील करना नियमों का उल्लंघन है। फिलहाल उस झोलाछाप डॉक्टर की तलाश की जा रही है, जिसने संतरे के बाग को ही अस्थायी अस्पताल में तब्दील कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और तस्वीरें में बाग में कई लोग लेटे हुए नजर आ रहे हैं। इन लोगों में महिलाओं की भी अच्छी खासी संख्या है।बता दें कि देश भर में बीते 10 दिनों से ज्यादा वक्त से लगातार हर दिन 3 लाख से ज्यादा कोरोना के केस मिल रहे हैं। यही नहीं गुरुवार को तो देश में 4.12 लाख से ज्यादा कोरोना के केस मिले हैं। कोरोना की दूसरी लहर के कहर से देश भर में ही आतंक मचा हुआ है। देश के 12 राज्य ऐसे हैं, जहां कोरोना के 1 लाख से ज्यादा एक्टिव केस मौजूद हैं। यही नहीं केंद्र सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार का कहना है कि इसी साल नवंबर तक कोरोना की तीसरी लहर भी अटैक कर सकती है, जिसके लिए हमें पहले से ही सचेत और तैयार रहना होगा।