राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर-94 स्थित श्मशान घाट में शवों के साथ आने में महिलाओं के पहुंचने की संख्या कम नहीं हो रही है। रोजाना 8 से 10 शवों के साथ महिलाएं श्मशान घाट पहुंच रही हैं। इनमें से कुछ वे मुखागिनी भी दे रही हैं। ऐसे दृश्य देखकर वहां मौजूद कर्मचारियों व लोगों की आंखें भी नम हो जा रही हैं।
कोरोना संक्रमित होने के कारण मौत के मुंह में जाने वाले लोगों के शवों को सीधे अस्पताल से श्मशान घाट ले जाया जा रहा है। ऐसे में खासतौर से घर की महिलाएं अपनों का अंतिम समय भी चेहरा नहीं देख पा रही हैं। इससे पहले अस्पताल में कोरोना संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए महिलाएं वहां तक भी नहीं जा पा रही हैं। अस्पताल से सीधे शव श्मशान घाट तक एंबुलेंस के जरिए ले जाया जाता है।
अंतिम निवास की व्यवस्था में लगे अधिकारियों ने बताया कि पिछले 10-15 दिन में महिलाएं अधिक संख्या में आ रही हैं। श्मशान घाट में पहुंचकर अपनों के शवों को चिता स्थल पर रख लकड़ी रखने से लेकर उनको मुखागिनी देने का भी काम कर रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि मुखागिनी वे महिलाएं दे रही हैं जिनके भाई, पति शहर या देश से बाहर हैं और वो किसी कारणवश नहीं आ सके। ऐसे में आदमियों की जिम्मेदारियों को महिलाएं निभा रही हैं।