असम में फिर एनडीए की सरकार बनने जा रही है, यह तो 2 मई को मतगणना के बाद साफ हो गया है। लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा? इस बार हेमंत बिस्व सरमा को राज्य की कमान सौंपी जाएगी या सर्बानंद सोनोवाल ही दोबारा सीएम बनेंगे? इस सवाल का जवाब अभी तक राज्य की जनता को नहीं मिला है। मतगणना के दो दिन बाद भी भावी मुख्यमंत्री को लेकर अटकलें ही लग रही हैं।
126 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए को 75 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस की अगुआई वाली ‘महाजोट’ को 50 सीटों से संतोष करना पड़ा है। इसके अलावा एक सीट पर जेल में बंद एक्टिविस्ट अखिल गोगाई ने हासिल की है। हेमंत बिस्व सरमा ने मंगलवार को गुवाहाटी में प्रेस से कहा, ”बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा इस समय कोलकाता में हैं। इसलिए मुझे नहीं लगता है कि आज इस कोई बैठक होगी। मुझे लगता है कि बैठक कल या परसो होगी।”
उन्होंने कहा, ”चूंकि हर चीज दिल्ली से तय किया जाएगा। इसलिए हमें इंतजार करना होगा। पार्टी संसदीय दल की बैठक दिल्ली में होगी, कोई आकर लोगों की राय ले सकता है। यह भी बताया जा रहा है कि केंद्रीय कृषि मंत्री पर्यवेक्षक के रूप में गुवाहाटी जा सकते हैं।
2016 में सर्बानंद सोनोवाल की अगुआई में बीजेपी को जीत मिली थी और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन इस बार चुनाव से पहले सीएम उम्मीदवार के तौर पर किसी के नाम की घोषणा नहीं की गई है। एनआरसी और सीएए जैसे विवादित मुद्दों के बाद भी सर्वानंद सोनोवाल पार्टी को दोबारा सत्ता में लाने में कामयाब रहे। वहीं, हेमंत बिस्व सरमा उत्तर-पूर्व में बीजेपी के सबसे प्रभावशाली नेता हैं। सरमा राज्य के वित्त और स्वास्थ्य मंत्री रहे और दोनों ही मंत्रालय में उनके काम को सराहा गया है। इस बार वह सीएम पद के प्रबल दावेदार हैं।