केंद्र सरकार ने रविवार को हाईकोर्ट को बताया यदि दिल्ली सरकार जिम्मेदारी नहीं संभाल पा रही है तो हमें (केंद्र) को बताए, हम उपराज्यपाल से कहेंगे, दिल्ली की जिम्मेदारी संभाल लेंगे। सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह दलील तब दिया जब कोर्ट ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही आपने (केंद्र) ने अधिसूचना जारी कर दिल्ली सरकार का मतलब उपराज्यपाल बताया है।
कोर्ट ने कहा कि हम तो यह देखना चाहेंगे कि संवैधानिक प्रावधानों में आक्सीजन मुहैया कराने की जिम्मेदारी किसकी है। इस पर मेहता ने कहा कि यह मामला (दिल्ली सरकार मतलब उपराज्यपाल) अलग है और इसे अभी रहने दीजिए। इसके साथ ही मेहता ने कहा कि हम दिल्ली सरकार के नेतृत्व पर सवाल नहीं उठा रहे हैं, यह पूरी तरह से तंत्र की विफलता है। मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को आक्सीजन दिया और सभी निश्चित जगहों से आक्सीजन ले रहे हैं।
केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली सरकार बेवजह विवाद खड़ा कर रही है, दिल्ली ने आवंटित आक्सीजन के परिवहन और इसके समुचित उपयोग के लिए कोई प्रयास नहीं किया। मेहता ने तंत्र की विफलता बताते हुए कहा कि यदि दिल्ली सरकार जिम्मेदारी नहीं संभाल पा रही है तो हमें बताएं, हम उपराज्यपाल से कहेंगे, वह दिल्ली की जिम्मेदारी संभाल लेंगे।
इससे पहले दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि उनके अधिकारी दिन-रात काम रहे हैं, वह सौ भी नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई अधिकारी तो कोरोना संक्रमण से पीड़ित हैं। मेहरा ने कहा कि दिल्ली औद्योगिक राज्य नहीं है, हमारे में क्रयोजेनिक टैंकर नहीं है, इसलिए दिक्कतें झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की जिम्मेदारी है कि वह दिल्ली को आक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि उनके पास 8 टैंकर हैं, लेकिन आपूर्ति करने वाली कंपनी का कहना है कि टैंकर कंपिटेबल नहीं है। हाईकोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से आदेश वापस लेने के लिए दाखिल अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह दलीलें दी गई।