कोरोना से संबंधित दवाइयों और अन्य जरूरी उपकरणों की कालाबाजारी हो रही है। नोएडा में खाली ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए भी जरूरतमंदों से मोटी रकम वसूली जा रही है। यह खुलासा सेक्टर 20 थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों ने किया है।थाना सेक्टर 20 पुलिस ने 29 अप्रैल को ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी करने वाले दो आरोपियों को सेक्टर-5 हरौला से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपियों से ऑक्सीजन के चार सिलेंडर बरामद किए थे। आरोपियों की पहचान श्याम शर्मा निवासी ग्राम नैना घाट जिला दरभंगा बिहार और देवेन्द निवासी लक्ष्मीनगर दिल्ली के रूप में हुई थी।
कालाबाजारी पर रोक नहीं लग रही : कोरोना से जुड़ी दवाइयों की कालाबाजारी रोकने लिए पुलिस आयुक्त ने डीसीपी क्राइम के नेतृत्व में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया है। फिर भी नोएडा में लगातार कालाबाजारी के मामले सामने आ रहे हैं। सेक्टर 24 थाना पुलिस ने शुक्रवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस अभी तक ऐसे मामलों में सात आरोपी को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा कई आरोपी अभी भी नोएडा में सक्रिय हैं। इनमें से कई पुलिस रडार पर हैं। जल्दी ही उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। पुलिस अभी उनके बारे में सबूत जुटा रही है।
अस्पतालों के आसपास दलाल सक्रिय : रेमडेसिविर और ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर ठगी करने वाले ठग अधिकतर उन अस्पतालों के पास सक्रिय रहते हैं, जिनमें कोरेाना के मरीजों का उपचार चल रहा है। यहां पर मरीजों के परिजनों से संपर्क कर उन्हें झांसा देते हैं कि वे रेमडेसिविर व ऑक्सीजन सिलेंडर सस्ते दामों पर उपलब्ध करा देंगे। फिर उनसे मोबाइल नंबर लेकर कॉल करते हैं। ये लोग अस्पताल में ही रेमडेसिविर डिलीवर करने का दावा करते हैं। इंजेक्शन मुहैया कराने के नाम पर आरोपी कुछ रकम एडवांस के तौर पर अपने खाते में जमा करा लेते हैं। जैसे ही पैसे उनके बैंक खाते में जाते है तो अपना मोबाइल नंबर बंद कर देते हैं।
लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे शातिर
पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी खाली ऑक्सीजन सिलेंडर 10 से 15 हजार रुपये तक में बेचते थे। इसके अलावा ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के नाम पर भी 20 से 30 हजार रुपये ऐंठते थे।