कोरोना वायरस का हमला होने के बाद इंसानी शरीर अलग-अलग तरीकों से प्रतिक्रिया देता है। इन्हीं प्रतिक्रियाओं को हम लक्षण कहते हैं, जिनके आधार पर शुरुआत में हमें पता चलता है कि हम संक्रमित हो गए हैं। कोरोना से जंग में सबसे बड़ा हथियार है समय रहते उसकी पहचान करना और टेस्ट कराकर इलाज शुरू कर देना। जुकाम-बुखार और खांसी के अलावा भी कोरोना के कई लक्षण हैं जैसे थकान, मांसपेशियों में दर्द, डायरिया, सांस का भारीपन और कोविड टंग। कोविड टंग के मामले भी अब सामने आ रहे हैं।
क्या होती है कोविड टंग
टंग यानी जीभ और कोविड टंग का मतलब है कोरोना की वजह से जीभ पर पड़ने वाला प्रभाव। जब कोरोना वायरस गले के पिछले हिस्से में अपना घर बसाता है तो हमारी जीभ इसे महसूस कर लेती है और प्रतिक्रिया करती है। इसमें जीभ में जलन ओर छाले जैसी समस्या सामने आती है। इसकी एक विशेष पहचान ये होती है कि जीभ के गुलाबी हिस्से का गुलाबी रंग बिल्कुल फीका पड़ जाता है और वहां पीले और सफेद रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। कई लोगों को ऐसा भी लगता है जैसे जीभ पर रोंए उग आए हैं। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) ने इसके बारे में विस्तार से जानकारी साझा की है। जानें सीडीसी ने क्या कहा। क्यों इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और क्या-क्या सवाधानी बरतनी चाहिए।
पहले केवल स्वाद जाता था
कोविड के मरीजों का स्वाद और सूंघने की क्षमता अक्सर चली जाती है, लेकिन अब वायरस भी लगातार अपने रूप बदल रहा है तो शरीर भी अलग-अलग रूपों में इसकी प्रतिक्रिया दे रहा है। उसी प्रतिक्रिया का एक तरीका कोविड टंग भी है। बीते कुछ महीनों से अब मरीजों में ये समस्या नजर आने लगी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका संबंध एसीई 2 प्रोटीन से है। एसीई यानी एंजीयोटेंसिन-कनवर्टिंग एनजाइम 2 एक तरह का प्रोटीन है जो सभी इंसानों की जीभ की सतह पर विशाल मात्रा में मौजूद रहता है। सार्स कोव-2 प्रमुख रूप से एसीई 2 प्रोटीन पर ही हमला करता है। इसीलिए संक्रमितों में कोविड टंग एक प्रमुख लक्षणों के रूप में उभर रहा है।
ध्यान रहे
किसी शख्स की जीभ पर इस तरह के लक्षण उभर रहे हैं तो इसका मतलब 100 फीसदी ये नहीं है कि उसे कोरोना वायरस ने संक्रमित कर दिया है। शरीर से जुड़ी अन्य कई परेशानियों में जीभ का रंग बिगड़ता है। आपको ध्यान होगा कि अक्सर जब हम डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह हमारी जीभ देखते हैं। सूजन, छाले, खट्टापन और गहरे धब्बे अक्सर मसालेदार खाने व या किसी बैक्टीरिया का फफूद संक्रमण कारण भी हो सकते हैं। अगर इस तरह के लक्षण दिखाएं तो सबसे पहले डॉक्टर से बात करें। अगर डॉक्टर से बात नहीं हो पा रही हो तो कोविड टेस्ट करवाने के बारे में सोच सकते हैं।